नई दिल्ली: भारत 50 अरब डॉलर (करीब 3.33 लाख करोड़ रुपए) बचा सकता है यदि लाजिस्टिक्स की लागत देश के सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले 14 फीसदी से घटाकर 9 फीसदी कर दी जाए तो। एक रिपोर्ट में कहा गया कि इस तरह वैश्विक बाजारों में घरेलू उत्पादों के लिए ज्यादा प्रतिस्पर्धात्मकता आएगी।
लाजिस्टिक्स क्षेत्र में वृद्धि का अर्थ होगा सेवा आपूर्ति और उपभोक्ता संतुष्टि में सुधार जिससे भारतीय वस्तुओं के निर्यात और रोजगार सृजन के मौकों की संभावना में वृद्धि होगी। Assocham-Resurgent India के संयुक्त अध्ययन में कहा गया कि हालांकि सरकार को आवश्यक बुनियादी ढांचे की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि विश्व भर के घटनाक्रम के साथ तालमेल बिठाया जा सके।
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Assocham के महासचिव डी एस रावत ने कहा, उचित नीतिगत बदलाव और बाजार खोलने के साथ रेल, सड़क, जल तथा अन्य माध्यमों से तेज गति से वस्तुओं एवं सेवाओं का परिवहन भारत में माल ढुलाई तथा लाजिस्टिक्स उद्योग के लिए आवश्यक है। रिपोर्ट के मुताबिक मेक इन इंडिया अभियान देश को वैश्विक उत्पादन नेटवर्क से जोड़ेगा जिससे लाजिस्टिक्स के लिए नया कारोबार पैदा होगा और भारत विश्व के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कारोबार के लिए ज्यादा आकर्षक स्थान होगा।
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