A
Hindi News पैसा बिज़नेस Side Effect - Flipkart पर बिके चोरी के मोबाइल, क्या खल रही है रेग्युलेटर की कमी?

Side Effect - Flipkart पर बिके चोरी के मोबाइल, क्या खल रही है रेग्युलेटर की कमी?

देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart) एक बार फि‍र चर्चा में है। लेकिन इस बार चर्चा बिलियन डे सेल की नहीं बल्कि चोरी के मोबाइल ऑनलाइन बिकने की है

Side Effect – Flipkart पर बिके चोरी के मोबाइल, क्या खल रही है रेग्युलेटर की कमी?- India TV Paisa Side Effect – Flipkart पर बिके चोरी के मोबाइल, क्या खल रही है रेग्युलेटर की कमी?

नई दिल्‍ली: देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart) एक बार फि‍र चर्चा में है। लेकिन इस बार चर्चा बिलियन डे सेल की नहीं बल्कि चोरी के मोबाइल ऑनलाइन बिकने की है। दिल्ली पुलिस ने फ्लिपकार्ट के सीईओ को नोटिस भेजकर जांच में सहयोग करने के लिए कहा है। दरअसल, इंदिरा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट के कार्गो से एक करोड़ रुपए के मोबाइल फोन चोरी हुए थे। इस मामले की जांच में एयरपोर्ट पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया। इनसे चोरी हुए कुल 600 मोबाइल में से 209 मोबाइल बरामद हुए। एयरपोर्ट के डीसीपी दिनेश गुप्‍ता ने बताया कि इलेक्‍ट्रॉनिक सर्विलांस  से पता चला कि चोरी हुए मोबाइल फोन का इस्‍तेमाल हो रहा है। जब इन फोन के इस्‍तेमालकर्ताओं से बात की गई तो उन्‍होंने बताया कि उन्‍होंने मोबाइल वेबसाइट से खरीदें हैं, जिसका बिल भी उन्‍होंने दिखाया।

कैसे हुई बिक्री

डीसीपी दिनेश गुप्‍ता के मुताबिक कार्गो के ट्रांसपोर्टर डीलर नरेंद्र ने कंसाइनमेंट से मोबाइल की चोरी की थी। उसने यह मोबाइल दिल्‍ली के एक मोबाइल शॉप संचालक को बेचे। पुलिस चांज में पता चला कि ऑनलाइन खरीदे के मोबाइल फोन की डिलीवरी राजस्‍थान के भीलवाड़ा में एक इलेक्‍ट्रॉनिक शॉप चलाने वाले ने की थी। उसे यह मोबाइल दिल्‍ली के करोलबाग में मोबाइल शॉप चलाने वाले गौरव मित्‍तल ने दिए थे।

फ्लिपकार्ट ने बताया अपने को निर्दोष

फ्लिपकार्ट के प्रवक्‍ता ने इस मामले में कहा कि फ्लिपकार्ट एक डिजिटल मार्केट प्‍लेस है। यहां कोई भी सेलर अपने आप को रजिस्‍टर्ड करवाकर अपना प्रोडक्‍ट बेच सकता है। लेकिन इसके लिए उन्‍हें कड़े दिशा-निर्देशों का पालन करना होता है। प्रवक्‍ता ने बताया कि उनके पास 40 हजार से ज्‍यादा सेलर्स रजिस्‍टर्ड हैं, जो सभी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करते हैं। उन्‍होंने कहा कि इस मामले में कंपनी पुलिस का जांच में पूरा सहयोग करेगी।

ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि हर रोज विवादों से जूझ रहीं ई कॉमर्स कंपनियों के लिए क्या वाकई एक सख्त रेग्युलेटर की जरूरत है? और हर दिन खड़े हो रहे विवादों का असल कारण ही एक पारदर्शी व्यवस्था का न होना है?

Latest Business News