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Hindi News पैसा बिज़नेस इस हफ्ते विदेशी संकेतों से तय होगी बाजार की चाल, उतार-चढ़ाव रहने का अनुमान

इस हफ्ते विदेशी संकेतों से तय होगी बाजार की चाल, उतार-चढ़ाव रहने का अनुमान

विदेशी संकेतों, कोरोना वायरस के नये प्रकार को लेकर आने वाली नई जानकारी और खबरों तथा टीकाकरण के मामले में प्रगति पर इस हफ्ते शेयर बाजार की नजर रहेगी

<p>बाजार में अगले हफ्ते...- India TV Paisa Image Source : GOOGLE बाजार में अगले हफ्ते कैसा रहेगा कारोबार

नई दिल्ली। इस सप्ताह किसी महत्वपूर्ण घरेलू गतिविधियों के अभाव में शेयर बाजार की चाल विदेशी संकेतों, कोरोना वायरस के नये प्रकार को लेकर आने वाली नई जानकारी और खबरों तथा टीकाकरण के मामले में प्रगति पर निर्भर करेगी। विशेषज्ञों ने इसके साथ ही कहा है कि इस हफ्ते फ्यूचर एंड ऑप्शन सेग्मेंट में सौदों के निपटान को देखते हुए शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को भी मिल सकता है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि.के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि इस सप्ताह पर्याप्त नकदी, टीके को लेकर सकारात्मक खबर और ब्रेक्जिट समझौते से बाजार में सकारात्मक गति बने रहने की उम्मीद है। ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ऐतिहासिक व्यापार समझौते पर पहुंचने में कामयाब रहे। हालांकि इस बात की भी आशंका है कि यूरोप के कई भागों में कोरोना वायरस के नये प्रकार स्ट्रेन को लेकर जोखिम बढ़ा तो बाजार में तेजी पर लगाम लग सकता है। इसके अलावा, माह के अंत में फ्यूचर एंड ऑप्शन सेग्मेंट में अनुबंधों के निपटान से बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच बृहस्पतिवार को ऐतिहासिक समझौता हुआ। दोनों पक्ष ब्रेक्जिट मुक्त व्यापार समझौते के बाद 31 दिसंबर की समयसीमा से कुछ ही दिन पहले मुक्त व्यापार समझौते को लेकर मसलों के निपटाने में सक्षम रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि ब्रेक्जिट समझौते के साथ आने वाले दिनों में वायरस को लेकर नये मामलों के संदर्भ में चिंता बनी रहेगी। निवेशकों को गुणवत्तापूर्ण क्षेत्र के शेयरों पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) निवेश की प्रवृत्ति पर भी नजर होगी क्योंकि हाल की तेजी में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस सप्ताह कोई महत्वपूर्ण आंकड़ा और घोषणा की उम्मीद है। इसके साथ ही च्वॉइस ब्रोकिंग के शोध विश्लेषक सतीश कुमार ने कहा कि निवेशकों को ब्रिटेन में वायरस और टीकाकरण की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए। इन सबके अलावा निवेशकों की नजर डॉलर के मुकाबले रुपये की गति और ब्रेंट क्रूड भाव पर भी होगी।

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