कमजोर विदेशी संकेतों से लुढ़का बाजार, सेंसेक्स 709 अंक की गिरावट के साथ बंद
आज के कारोबार में सभी सेक्टर इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए
नई दिल्ली। विदेशी बाजारों से मिले कमजोर संकेतों की वजह से आज भारतीय स्टॉक मार्केट गिरावट के साथ बंद हुए हैं। बुधवार को ही फेडरल रिजर्व ने अनुमान दिया है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में रिकवरी में वक्त लगेगा। इसके साथ ही अमेरिका में कोरोना से संक्रमित नए मामलों की रफ्तार में बढ़त भी दर्ज हुई है। इन संकेतो से विदेशी बाजारों में दबाव का असर घरेलू शेयर बाजार पर भी देखने को मिला। आज के कारोबार में सेंसेक्स 709 अंक की गिरावट के साथ 33538 के स्तर पर और निफ्टी 214 अंक की गिरावट के साथ 9902 के स्तर पर बंद हुआ है। वहीं निफ्टी पर सभी सेक्टर इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए हैं।
फेडरल रिजर्व ने अनुमान दिया है कि अमेरिका अर्थव्यवस्था साल 2020 में 6.5 फीसदी गिर सकती है वहीं बेरोजगारी की दर साल अंत तक 9.3 फीसदी तक पहुंच सकती है। फेडरल रिजर्व के प्रमुख ने कहा है कि रिकवरी में लंबा वक्त लग सकता है और शून्य के करीब पहुंच चुकी दरों में 2022 से पहले बढ़त की उम्मीद काफी कम है। अर्थव्यवस्था को लेकर फेडरल रिजर्व के अनुमानों के बाद विदेशी बाजारों में दबाव देखने को मिला है। यूरोपियन मार्केट में 2.5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है वहीं इससे पहले अमेरिकी बाजार भी गिरावट के साथ बंद हुए थे। इसके साथ ही अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़त से भी निवेशकों की चिंता बढ़ी है। 5 हफ्ते से नए मामलों में गिरावट के बाद एक बार फिर नए मामलों की संख्या में बढ़त का रुख देखने को मिला है। हालांकि खबरों की माने तो नंबर में ये बढ़त टेस्ट में बढ़ोत्तरी की वजह देखने को मिली है। वहीं एक अनुमान के मुताबिक सितंबर तक अमेरिका में कोरोना की वजह से मरने वालों की संख्या 2 लाख के पार पहुंच सकती है। इससे भी दुनिया भर में कोरोना सेंसेटिव स्टॉक में गिरावट देखने को मिली है, इसमे ऑटो, टूर एंड टूरिज्, हॉस्पिटेलिटी सेक्टर शामिल हैं।
एनएसई पर आज सभी सेक्टर इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा गिरावट सरकारी बैंकों में देखने को मिली है, सेक्टर इंडेक्स 3.8 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ है। बैकिंग सेक्टर, ऑटो सेक्टर, फाइनेंशिय़ल सर्विसेज सेक्टर, मेटल सेक्टर और फार्मा सेक्टर सभी 2 फीसदी से ज्यादा टूट कर बंद हुए हैं। वहीं आईटी, पावर और रियल्टी सेक्टर में 1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट रही है।