नई दिल्ली। इस्पात बनाने वाली कंपनी टाटा स्टील और जेएसपीएल ने बृहस्पतिवार को कहा कि चिकित्सा ऑक्सीजन को स्टील कारखानों से अस्पतालों तक पहुंचाने में परिवहन से जुड़ी समस्याएं आ रही हैं। दोनों कंपनियों ने कहा कि वे दैनिक ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास कर रही हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की राष्ट्रीय इस्पात निगम लि. आरआईएनएल) ने भी कहा कि वह कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिये राज्यों को तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने पर गौर कर रही है। टाटा स्टील के प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार ने एक समिति गठित की है जो देश के इस्पात कारखानों में उपलब्ध भंडार, उत्पादन और खपत की स्थिति की समीक्षा कर रही है। उसने अपने सभी इस्पात कारखानों से तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति विभिन्न राज्यों को की है।
टाटा स्टील ने उम्मीद जतायी कि जल्दी ही परिवहन संबंधी समस्याएं सुलझा ली जाएंगी और जरूरी मात्रा में ऑक्सीजन गंतव्यों तक पहुंच पाएगा। प्रवक्ता के अनुसार कंपनी वैकल्पिक स्रोतों पर भी काम कर रही है। जेएसपीएल के प्रबंध निदेशक वी आर शर्मा ने भी कहा कि कारखानों से ऑक्सीजन के परिवहन को लेकर ‘लॉजिस्टिक’ समस्या बनी हुई है। उन्होंने कहा कि टैंकर उपलब्ध नहीं है। देश में टैंकरों के नंबर ‘ट्रैक’ करने की जरूरत है ताकि उन्हें ऑक्सीजन के परिवहन के काम में लगाया जा सके। शर्मा ने कहा, ‘‘हमारे पास 500 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन है। हम उसे भेजेंगे।’’ जेएसपीएल जो दैनिक आपूर्ति कर रही है, यह उसके अलावा है। सार्वजनिक क्षेत्र की आरआईएनएल ने कहा कि कंपनी रोजाना आंध्र प्रदेश और आसपास के राज्यों को 100 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। सेल ने ट्विटर पर लिखा है कि वह औसतन प्रतिदिन 600 टल तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। यह किसी भी इस्पात संयंत्र की आपूर्ति के मुकाबले सर्वाधिक है।
देश में कोरोना के नए दैनिक मामलों की संख्या 3 लाख के पार पहुंच चुकी है, इसी के साथ ही अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी तेज उछाल आया है। जिसमें अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ी है, आशंका जताई जा रही है की पीक आने तक ये मांग बढ़ती रहेगी, जिसे देखते हुए सरकार इंडस्ट्री के साथ लगातार कदम उठा रही है।
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