नई दिल्ली। केंद्र सरकार की तरफ से धान किसानों से धान की खरीद में लगातार इजाफा हो रहा है, उत्तर भारत में खरीद को समेटने के बाद अब सरकारी एजेंसियों ने मध्य और दक्षिण भारत में खरीद को बढ़ाना शुरू किया है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक 28 दिसंबर तक देशभर में कुल 350.28 लाख टन धान की खरीद हो गई है। सरकारी एजेंसियां किसानों से तय किए हुए समर्थन मूल्य पर धान की खरीद करती हैं, सामान्य धान के लिए 1550 रुपए और ए ग्रेड धान के लिए 1590 रुपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य तय किया हुआ है।
किस राज्य से धान की कितनी खरीद?
अबतक जो 350.28 लाख टन धान की खरीद हुई है उसमें सबसे अधिक पंजाब से 176.61 लाख टन, हरियाणा से 59.20 लाख टन, छत्तीसगढ़ से 33.32 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 25.96 लाख टन, तेलंगाना से 16.48 लाख टन, आंध्र प्रदेश से 13.92 लाख टन, मध्य प्रदेश से 10.42 लाख टन और अन्य राज्यों से 14.37 लाख टन धान की खरीद हुई है। पिछले साल पूरे सीजन के दौरान देश में करीब 512 लाख टन धान की खरीद हुई थी और इस साल कुल खरीद का आंकड़ा पिछले साल के पार जाने का अनुमान है।
किसानों से खरीदे गए धान को सरकार चुनिंदा चावल मिलों को सौंपती है और बदले में मिलों से चावल वापस लेती है, 28 दिसंबर तक सरकारी एजेंसियों ने मिलों से कुल 234.68 लाख टन चावल वापस ले लिया है।
गेहूं के मामले में ये राज्य हैं अव्वल
जिस तरह सरकारी एजेंसियां धान किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीद करती हैं उसी तरह से गेहूं के सीजन के समय समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं की खरीद की जाती है। इस साल सरकारी एजेंसियों ने किसानों से कुल 308.24 लाख टन गेहूं की खरीद की है जिसमे सबसे अधिक पंजाब से 117.06 लाख टन, हरियाणा से 74.32 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 36.99 लाख टन, मध्य प्रदेश से 67.25 लाख टन, राजस्थान से 12.45 लाख टन और बाकी खरीद उत्तराखंड, चंडीगढ़ तथा गुजरात से हुई है।
कुल मिलाकर अनाज से देश का पेट भरने में सबसे ज्यादा योगदान पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और छत्तीसगढ़ का है।
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