Power Crisis: राज्य सरकारों की खुली पोल, उपभोक्ताओं के लिए कटौती कर ऊंचे दाम पर बेच रहे हैं बिजली
विद्युत मंत्रालय ने राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति के लिए आवंटित नहीं की गई बिजली का उपयोग करें
नई दिल्ली। केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने मंगलवार को सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि देश में उत्पन्न कोयला आपूर्ति संकट के कारण वह सेंट्रल जनरेटिंग स्टेशन (सीजीएस) की गैर-आवंटित बिजली का उपयोग अपने उपभोक्ताओं के लिए करें। विद्युम मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि मंत्रालय के ध्यान में यह बात आई है कि कुछ राज्य अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं और बिजली की कटौती (लोड शेडिंग) कर रहे हैं। साथ ही वह बिजली एक्सचेंज में भी ऊंचे दाम पर बिजली बेच रहे हैं। बिजली आवंटन के दिशा-निर्देशों के अनुसार, केन्द्रीय उत्पादन स्टेशनों (सीजीएस) से 15 प्रतिशत बिजली को "गैर-आवंटित बिजली" के अंतर्गत रखा जाता है, जिसे केंद्र सरकार उपभोक्ताओं की बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए जरूरतमंद राज्यों को आवंटित करती है।
24 घंटे बिजली पाने का है अधिकार
उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करने की जिम्मेदारी वितरण कंपनियों की है और उन्हें पहले अपने उपभोक्ताओं की जरूरत को पूरा करना चाहिए, जिन्हें 24घंटे बिजली प्राप्त करने का अधिकार है। इस प्रकार, वितरण कंपनियों को बिजली एक्सचेंज में बिजली नहीं बेचनी चाहिए और अपने स्वयं के उपभोक्ताओं को इससे वंचित नहीं रखना चाहिए।
राज्य सुनिश्चित करें निर्बाध बिजली आपूर्ति
इसलिए राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति के लिए आवंटित नहीं की गई बिजली का उपयोग करें। अतिरिक्त बिजली के मामले में, राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे भारत सरकार को सूचित करें ताकि इस बिजली को अन्य जरूरतमंद राज्यों को एक बार फिर आवंटित किया जा सके।
नहीं तो केंद्र उठाएगा सख्त कदम
मंत्रालय ने सख्त लहजे में कहा है कि यदि कोई राज्य बिजली एक्सचेंज में बिजली बेचता हुआ पाया जाता है अथवा बिना आवंटन वाली इस बिजली को शेड्यूल नहीं कर रहा है तो उनकी बिना आवंटन वाली बिजली को अस्थायी रूप से कम किया जाएगा अथवा वापस लिया जाएगा और अन्य जरूरतमंद राज्यों को आवंटित कर दी जाएगी।
विद्युत मंत्रालय ने एनटीपीसी और डीवीसी को दिए निर्देश
पिछले 10 दिनों के दौरान दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों को दी गई घोषित क्षमता (डीसी) को ध्यान में रखते हुए विद्युत मंत्रालय ने एनटीपीसी और डीवीसी को निर्देश जारी किए हैं ताकि दिल्ली को बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। इससे यह सुनिश्चित होगा कि दिल्ली की वितरण कंपनियों को उनकी मांग के अनुसार जितनी बिजली की आवश्यकता होगी उतनी ही बिजली मिलेगी।
जारी किए गए निम्नलिखित निर्देश
- एनटीपीसी और डीवीसी दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों को उनके कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से संबंधित पीपीए के तहत आवंटन के अनुसार मानक घोषित क्षमता (डीसी) की पेशकश कर सकते हैं। एनटीपीसी और डीवीसी दोनों ने दिल्ली को उतनी ही बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है जितनी दिल्ली की वितरण कंपनियों द्वारा मांग की जाती है।
- एनटीपीसी संबंधित पीपीए के तहत दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों को उनके आवंटन (गैस आधारित बिजली संयंत्रों से) के अनुसार मानक घोषित क्षमता (डीसी) की पेशकश कर सकती है। दिल्ली डिस्कॉम को डीसी ऑफर करते समय स्पॉट, एलटी-आरएलएनजी आदि सहित सभी स्रोतों से उपलब्ध गैस को शामिल किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: भारत के अदाणी ग्रुप ने लिया पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान पर बड़ा फैसला
यह भी पढ़ें: OMG। LPG रसोई गैस सिलेंडर हुआ 2657 रुपये का, मचा हाहाकार
यह भी पढ़ें: MG Motor ने किया SUV Astor की कीमत का खुलासा, जानिए कब से शुरू होगी बुकिंग
यह भी पढ़ें: देश में बिजली संकट गहराने की वजह आई सामने, इस तकनीक से दूर हो सकती है किल्लत