मुंबई। राज्यों का सकल राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो तय बजटीय लक्ष्य से 0.20 प्रतिशत अधिक होगा। इंडिया रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा यह अनुमान व्यक्त करते हुये कहा कि इस आधार पर वित्त वर्ष 2018-19 में वित्त को लेकर राज्यों का परिदृश्य स्थिर रह सकता है।
एजेंसी ने सकल कर्ज / जीडीपी अनुमान 2018-19 के लिये 24.4 प्रतिशत रखा है। इससे पहले इसके लिये 25.8 प्रतिशत अनुमान रखा गया है। राज्यों का बजटीय कर्ज / जीडीपी अनुमान 24.3 प्रतिशत है जो 2017-18 में 24 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है। इंडिया रेटिंग्स के अनुसार राज्यों की सकल राजस्व प्राप्ति 2018-19 में बढ़कर 13.9 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है। यह पूर्व के 13.7 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है।
अधिक कर्ज का उपयोग का राज्यों के पूंजी व्यय को पूरा करने में किया जाएगा। राज्यों ने 2018-19 में सकल रूप से 4,40,720 करोड़ रुपये के बाजार उधारी का बजटीय लक्ष्य रखा है। लेकिन एजेंसी का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में कुल उधारी 4,65,280 करोड़ रुपये रह सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई 2018 के दौरान राज्यों की कुल बाजार उधारी बढ़कर 1,10,000 करोड़ रुपये हो गई जो कि इससे पिछले वर्ष इसी अवधि में 98,200 करोड़ रुपये रही थी। इसमें कहा गया है कि माल एवं सेवाकर से चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्यों की राजस्व प्राप्ति बेहतर होगी। वर्ष के दौरान केन्द्र से मिलने वाले कर हिस्से साहित राज्यों को कुल कर प्राप्ति 16 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
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