नई दिल्ली। जीएसटी परिषद की महत्वपूर्ण बैठक से कुछ दिन पहले केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) के चेयरमैन नजीब शाह ने कहा कि डेढ़ करोड़ रुपए से कम के कारोबार वाली इकाइयों पर केवल राज्यों का ही नियंत्रण हो इस तरह की मांग से केंद्र के अधिकार कम होंगे और वह कमजोर होगा।
इस नए टैक्स में केंद्र और राज्यों का कहां कितना अधिकार होगा और किस प्रकार टैक्स की वसूली होगी, इस पर सहमति नहीं बन पा रही है। इससे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित विधेयक पारित नहीं हो पा रहे हैं। सरकार जीएसटी को अगले साल एक अप्रैल से लागू करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।
शाह ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों यह सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध हैं कि करदाता का आकलन सिर्फ एक टैक्स प्रशासन के जरिये हो। उन्होंने कहा हालांकि जीएसटी का विचार दोहरे ढांचे पर आधारित है। लेकिन सरकार इस व्यवस्था को दोहरे आकलन में नहीं बदलना चाहती।
- शक्तिशाली जीएसटी परिषद ने नई टैक्स व्यवस्था में करदाताओं के प्रशासनिक नियंत्रण पर विचार विमर्श किया है।
- परिषद में केंद्रीय वित्त मंत्री और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं, लेकिन इस मुद्दे पर गतिरोध बरकरार है।
- इस मुद्दे पर सहमति बनाने के लिए परिषद की बैठक अब 11-12 दिसंबर को होगी।
- पश्चिम बंगाल, केरल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश तथा तमिलनाडु जैसे राज्य छोटे करदताओं यानी डेढ़ करोड़ रुपए से कम की सालाना आय वालों के विशिष्ट नियंत्रण पर जोर दे रहे हैं।
- यह मांग वस्तु और सेवाओं दोनों के लिए की जा रही है। लेकिन केंद्र करदाताओं को कारोबार के हिसाब से बांटने को तैयार नहीं है।
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