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Hindi News पैसा बिज़नेस राज्यों ने अब तक महज 2.5 फीसदी प्रवासियों को बांटा मुफ्त अनाज: खाद्य मंत्रालय

राज्यों ने अब तक महज 2.5 फीसदी प्रवासियों को बांटा मुफ्त अनाज: खाद्य मंत्रालय

मंत्रालय के मुताबिक राज्य स्वीकृत अनाज का आधे से ज्यादा हिस्सा उठा चुके हैं

<p>Food Minister</p>- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO Food Minister

नई दिल्ली। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत विभिन्न राज्यों में फंसे करीब आठ करोड़ प्रवासी मजूदरों में महज 2.5 फीसदी लोगों को ही अब तक मुफ्त अनाज बांटा गया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से रविवार को दी गई जानकारी के अनुसार, अनुमानित आठ करोड़ लाभार्थी प्रवासी मजदूरों में से महज 20.26 लाख लोग ही इस योजना का लाभ उठा पाए हैं।

आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संकट काल में विभिन्न राज्यों में मौजूद बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन बांटने के लिए राज्यों ने 4.42 लाख टन अनाज उठाया है, लेकिन अब तक इसका महज 2.29 फीसदी अनाज का ही वितरण हो पाया है।
मंत्रालय के अनुसार, पूरे देश में ऐसे करीब आठ करोड़ प्रवासी मजदूर हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। इनके लिए केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत मई और जून दो महीने के दौरान हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल प्रतिव्यक्ति और एक किलो चना प्रति परिवार मुफ्त बांटने का प्रावधान किया है। मंत्रालय ने इस प्रवासियों के लिए मुफ्त अनाज वितरण के लिए आठ लाख टन अनाज की स्वीकृति दी है, जिसमें से राज्यों ने आधे से अधिक यानी 4.42 लाख टन अनाज का उठाव कर लिया है। लेकिन इसमें से महज 10,131 टन अनाज का ही अब तक वितरण हो पाया है। मंत्रालय के अनुसार, अनाज के लिए लगभग 3109 करोड़ रुपए एवं चना के लिए लगभग 280 करोड़ रुपए शत-प्रतिशत वित्तीय भार भारत सरकार वहन कर रही है।
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने रविवार को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर देशवासियों को शुभकमना देते हुए कहा कि शुद्ध और पौष्टिक भोजना हर नागरिक का अधिकार है। पासवान ने एक ट्वीट में कहा, "समस्त देशवासियों को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। शुद्ध, पौष्टिक और मिलावट से मुक्त भोजन हर नागरिक का अधिकार है। यह सुनिश्चित करना और सुरक्षित खाद्य मानकों को बनाए रखने के लिए हम सबका सजग और जागरूक रहना जरूरी है।"

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