नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने नकदी संकट से जूझ रही गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से उनके कुल 45,000 करोड़ रुपए के अच्छी गुणवत्ता वाले ऋण खाते खरीदने की घोषणा की है। इससे इन कंपनियों को नकदी की तंगी से उबरने में मदद मिलेगी। आईएलएंडएफएस और उसकी अनुषंगियों द्वारा कई कर्ज के भुगतान में चूक के बाद गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के समक्ष नकदी संकट खड़ा हो गया है।
एसबीआई ने इससे पहले 15,000 करोड़ रुपए की संपत्तियां (ऋण खाते) खरीदने का फैसला किया था। अब उसने और 30,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त संपत्तियों की खरीद का फैसला किया है। एसबीआई के प्रबंध निदेशक पी के गुप्ता ने कहा कि यह बैंक के लिए अपने ऋण पोर्टफोलियो को बढ़ाने का अच्छा वाणिज्यिक अवसर है। एनबीएफसी की संपत्तियां आकर्षक मूल्य पर उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि इससे एसबीआई और एनबीएफसी क्षेत्र दोनों को फायदा होगा। उन्हें अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए नकदी उपलब्ध होगी वहीं बैंक का ऋण का पोर्टफोलियो बेहतर हो सकेगा। एसबीआई ने बयान में कहा कि बैंक ने शुरुआत में पोर्टफोलियो खरीद के जरिये चालू साल में 15,000 करोड़ रुपए की वृद्धि का लक्ष्य रखा था, जिसे अब बढ़ा दिया गया है। बैंक के आंतरिक आकलन के अनुसार उसके पास 20,000 से 30,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त पोर्टफोलियो की खरीद का अवसर होगा।
इससे पहले 23 सितंबर को एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा था कि एनबीएफसी की नकदी की स्थिति को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा बैंक ने इन अटकलों को खारिज किया है कि वह एनबीएफसी को ऋण घटाएगा। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का नियमन करने वाले राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) ने भी कहा है कि वह एनबीएफसी की पुन:वित्तपोषण सीमा को बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपए करेगा।
Latest Business News