मुंबई। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का एकीकृत शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2015-16 की तीसरी तिमाही में 67 फीसदी घटकर 1,259.49 करोड़ रुपए रह गया। वित्त वर्ष 2014-15 की समान तिमाही में बैंक का शुद्ध मुनाफा 3,828.20 करोड़ रुपए था। फंसे कर्ज के लिए अधिक प्रावधान किए जाने के कारण बैंक का शुद्ध मुनाफा घटा है।
एकल आधार पर आलोच्य तिमाही में एसबीआई का शुद्ध लाभ 61.6 फीसदी घटकर 1,115.34 करोड़ रुपए रह गया। यह एक साल पहले की तिमाही में 2,910.06 करोड़ रुपए था। हालांकि, आलोच्य तिमाही में बैंक की कुल आय बढ़कर 46,731 करोड़ रुपए हो गई, जो कि पूर्व वित्त वर्ष में 43,784 करोड़ रुपए रही थी। आलोच्य तिमाही में बैंक ने अपने फंसे कर्ज या गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के लिए 7,644.52 करोड़ रुपए का प्रावधान किया, जो पूर्व वर्ष की इसी अवधि में 5,327.51 करोड़ रुपए था।
सार्वजनिक क्षेत्र के इस प्रमुख बैंक ने एक बयान में कहा है कि एनपीए के लिए जरूरी प्रावधानों पर विचार करने के बाद ही उक्त वित्तीय परिणाम सामने आए हैं। बैंक का सकल एनपीए दिसंबर आखिर में 72,791.73 करोड़ रुपए रहा। तीसरी तिमाही के अंत में बैंक का सकल एनपीए 5.10 फीसदी रहा, जो कि एक साल पहले इसी अवधि में 4.90 फीसदी था। इसी प्रकार शुद्ध एनपीए 2.89 फीसदी रहा, जो कि पिछले साल इसी अवधि में 2.80 फीसदी था।
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