नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने अकाउंट होल्डर्स से अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर अधिक शुल्क तो वसूलना शुरू कर ही दिया है। साथ ही, बैंक अब कस्टमर्स को चेक बुक और लॉकर के लिए भी अधिक पैसे वसूलेगा। इसमें स्टेट बैंक के साथ हाल ही में विलय हुए छह बैंकों के ग्राहक भी शामिल हैं। SBI के विभिन्न सेवाओं के लिए शुल्क बढ़ाने के निर्णय के बाद अन्य बैंक भी ऐसा करने को प्रोत्साहित हो सकते हैं। इससे देश भर में ग्राहक प्रभावित होंगे।
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बैंक ने बढ़ाए चार्जेस
- स्टेट बैंक ने लॉकर किराया भी बढ़ा दिया है। साथ ही एक साल में लॉकर के उपयोग की संख्या भी कम कर दी है।
- 12 बार उपयोग करने के बाद ग्राहकों को 100 रुपए के साथ सर्विस टैक्स देना होगा।
- चेक बुक के मामले में चालू खाताधारकों को एक वित्त वर्ष में 50 चेक मुफ्त मिलेंगे।
- उसके बाद उन्हें चेक के प्रति पन्ने के लिए 3 रुपए देने होंगे।
- इस प्रकार, 25 पन्नों वाले चेक बुक के लिए उन्हें 75 रुपए के साथ सर्विस टैक्स भी देना होगा।
न्यूनतम बैलेंस के लिए ये हैं नियम
- मासिक आधार पर 6 महानगरों में एसबीआई की शाखा में औसतन 5,000 रुपए रखने होंगे।
- वहीं, शहरी और अर्ध-शहरी शाखाओं के लिए क्रमश: न्यूनतम राशि सीमा 3,000 रुपए और 2,000 रुपए रखी गई है।
- ग्रामीण शाखाओं के मामले में न्यूनतम राशि 1,000 रुपए तय की गई है।
- एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार एसबीआई के बचत खाताधारकों को मासिक आधार पर न्यूनतम राशि को अपने खाते में रखना होगा। ऐसा नहीं होने पर उन्हें 20 रुपए (ग्रामीण शाखा) से 100 रुपए (महानगर) देने होंगे।
- बैंक में 31 मार्च तक बिना चेक बुक वाले बचत खाते में 500 रुपए और चेक बुक की सुविधा के साथ 1,000 रुपए रखने की आवश्यकता थी। हालांकि सुरभि, मूल बचत खाता और प्रधानमंत्री जनधन योजना खातों में यह व्यवस्था लागू नहीं होगी।
नए चार्जेस सभी पर लागू होंगे
- ये शुल्क पांच पूर्व असोसिएट बैंक और भारतीय महिला बैंक के ग्राहकों पर भी लागू होंगे। इन बैंकों का स्टैट बैंक में विलय 1 अप्रैल से प्रभाव में आ गया। विलय के बाद एसबीआई ग्राहकों की संख्या बढ़कर 37 करोड़ हो गई है।
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