मुंबई। रिजर्व बैंक ने विदेशों में अनुषंगी इकाई रखने वाली स्टार्टअप कंपनियों को विदेशी मुद्रा खाता खोलने की अनुमति दे दी है, ताकि ये कंपनियां निर्यात और बिक्री से होने वाली विदेशी मुद्रा आय को उसमें रख सकें।
रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा है, भारत सरकार की स्टार्टअप पहल को देखते हुए यह तय किया गया है कि कोई भारतीय स्टार्ट अप जिसकी विदेशी अनुषंगी है वह भारत से बाहर किसी बैंक में अपना विदेशी मुद्रा खाता खोल सकता है। इसके पीछे मकसद निर्यात और बिक्री से होने वाली आय को उस खाते में रखने की सुविधा देना है। अधिसूचना में कहा गया है कि इस तरह के खातों में अधिशेष राशि को जो कि भारत से किए गए निर्यात से प्राप्त हुई है, उसे निर्यात की प्राप्ति के लिए तय अवधि के भीतर ही भारत को भेज दिया जाना चाहिए।
रिजर्व बैंक ने इससे आगे कहा है कि किसी भारतीय स्टार्ट अप को बिक्री अथवा निर्यात से विदेशी मुद्रा में मिलने वाले भुगतान को स्टार्ट अप द्वारा भारत में खोले गए एक्सचेंज अरनर फारेन करेंसी (ईईएफसी) खाते में रखने की अनुमति होगी।
सरकार ने कोलकाता में आईटी सेज लगाने के विप्रो के प्रस्ताव को टाला
सरकार ने साफ्टवेयर सेवा कंपनी विप्रो के कोलकाता में आईटी विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) स्थापित करने के प्रस्ताव को टाल दिया है। एक अधिकारी ने कहा कि इस बारे में राज्य सरकार की सिफारिश अभी मंजूरी बोर्ड को नहीं मिली है, जिसके कारण प्रस्ताव को टाल दिया गया।
वाणिज्य सचिव रीता तेवतिया की अध्यक्षता वाले मंजूरी बोर्ड ने 22 जून को हुई बैठक में कंपनी के आवेदन समेत अन्य प्रस्तावों पर विचार किया। इस बारे में कंपनी कोई ई-मेल भेजा गया लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया। विप्रो ने कोलकाता के राजरहाट में 19.76 हैक्टेयर क्षेत्र में आईटी आईटी संबद्ध सेज लगाने का प्रस्ताव किया है।
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