नई दिल्ली। आम्रपाली के घर खरीदारों के लिए सुप्रीम कोर्ट से अच्छी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटीज को स्पष्ट चेतावनी दी कि अब अगर पजेशन देने में देरी हुई तो अधिकारियों को जेल भेजा जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों अथॉरिटीज को आदेश दिया कि वे आम्रपाली के घर खरीदारों के फ्लैट्स के रजिस्ट्रेशन का काम शुरू कर दें। कोर्ट ने लेट-लतीफी के लिए अथॉरिटीज को फटकार लगाई और साफ कहा कि पजेशन में अब भी देरी हुई तो अधिकारियों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
कोर्ट का कड़े रुख को देखते हुए अथॉरिटीज ने कहा है कि आम्रपाली के घर खरीदारों से जुड़े मामलों के लिए स्पेशल सेल बनाई जा चुकी है। उन्होंने कोर्ट को आश्वस्त किया कि आदेश का पालन करने के लिए अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में 24 जुलाई को हुई सुनवाई के बाद से खरीदार उलझन में थे।
याद रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली की सभी परियोजनाओं से बिल्डर का अधिकार खत्म कर दिया है और इस अधिकार की जिम्मेदारी कोर्ट रिसीवर को दे दी गई। साथ ही कोर्ट ने अथॉरिटी को आदेश दिया था कि अथॉरिटीज पैसों के कारण जिन परियोजनाओं के सीसी जारी नहीं कर रही थी, उनके सीसी जारी करने होंगे। कोर्ट का कहना था कि अथॉरिटीज अपना पैसा बिल्डर की निजी प्रॉपर्टी बेचकर वसूलें। अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने का काम एनबीसीसी करेगी।
इस दौरान आम्रपाली के खरीदारों ने अर्जी दाखिल कर कहा कि बदले हालात में उन्हें जो बकाया राशि देनी है, उसे बैंक किस तरह रिलीज करें, यह स्पष्ट होना चाहिए। बैंक को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वे कंस्ट्रक्शन लिंक्ड पेमेंट प्लान में बकाया राशि रिलीज करें।
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