श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले प्रावधानों को निष्प्रभावी करने और उसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद लागू की गई पाबंदियों के कारण पिछले सप्ताह राज्य के कारोबारी समुदाय को करीब 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) के एक सदस्य ने कहा कि प्रशासन की ओर से लागू पाबंदियों के कारण राज्य में जनजीवन ठप रहा है। कश्मीर में आज के वक्त में कम-से-कम 175 करोड़ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से कारोबारी नुकसान हो रहा है। कारोबारियों के संगठन के नेता ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी। उसने कहा, मैं किसी तरह की परेशानी मोल नहीं लेना चाहता हूं। पाबंदियों की वजह से लोग घरों के बाहर नहीं आ पा रहे हैं और इस वजह से बेकरी और मवेशियों के डीलरों का कारोबार सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
बेकरी मालिकों को 200 करोड़ रुपए तक हुआ नुकसान
बेकरी मालिकों को 200 करोड़ रुपये तक नुकसान झेलना पड़ा है क्योंकि उनके उत्पाद जल्द खराब हो जाते हैं। शहर के करण नगर इलाके के एक बेकरी मालिक ने कहा कि अकेले उन्हें एक करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि, शहर के सिविल लाइन इलाके में कुछ बेकरी चल रहे हैं लेकिन शहर के निचले इलाकों में अधिकारी दुकानों को खोलने की इजाजत नहीं दे रहे।
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के रहने वाले मवेशियों के कारोबारी बशीर अहमद बताते हैं कि ईद-उल-अजहा से पहले कुर्बानी के जानवरों की बिक्री के जरिए कुछ लाभ कमाने की आशा में वह भेड़ों और बकरियों को लेकर आए थे। लेकिन अहमद को लग रहा है कि उन्हें अधिकतर मवेशियों को वापस लेकर जाना पड़ेगा। लोगों की आवाजाही पर पाबंदियों के कारण मवेशियों के डीलरों को अपने जानवरों के लिए चारा ढूंढने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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