नई दिल्ली। पिछले पांच दिन से जारी मेगा स्पेक्ट्रम नीलामी गुरुवार को कुल मिलाकर 65,789 करोड़ रुपए की बोली लगाने के साथ समाप्त हो गई। नीलामी में जितना स्पेक्ट्रम पेश किया गया था, उसमें से महज40 प्रतिशत के लिए ही बोलियां मिली हैं। इस दौरान अपेक्षाकृत महंगे 700 मेगाहर्ट्ज और 900 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए कोई खरीदार सामने नहीं आया।
सरकार को अकले 700 मेगाहर्ट्ज बैंड के स्पेक्ट्रम से ही चार लाख करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 31वें दौर की समाप्ति के बाद कुल 965 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए लगभग65,789 करोड़ रुपए मूल्य की बोलियां मिली हैं।
सात टेलीकॉम कंपनियों ने स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए जमा कराई बयाना राशि, जमा हुए 15,000 करोड़ रुपए
सरकार की तरफ से हालांकि कुल 2,354.55 मेगाहर्ट्ज को नीलामी के लिए पेश किया गया था। नीलामी के लिए रखे गए कुल स्पेक्ट्रम में से 60 फीसदी स्पेक्ट्रम नहीं बिका है। स्पेक्ट्रम की यह नीलामी एक अक्टूबर से शुरू हुई थी।
ये कंपनियां हुईं शामिल
इस नीलामी के तहत 3जी व 4जी स्पेक्ट्रम हासिल करने की दौड़ में सात कंपनियां -भारती एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया सेल्युलर, रिलायंस जियो, एयरसेल, रिलायंस कम्युनिकेशंस व टाटा टेलीसर्विसेज शामिल थीं।
दूरसंचार विभाग ने अगली नीलामी तक स्पेक्ट्रम भागीदारी और व्यापार पर लगाई रोक
- कंपनियों ने अधिकतर 1,800 मेगाहर्ट्ज व 2300 मेगाहर्ट्ज में ही रुचि दिखाई।
- इनका इस्तेमाल 4जी सेवाओं की पेशकश में किया जाता है।
- दूरसंचार कंपनियों ने 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड, 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड और 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में भी रुचि दिखाई।
- एयरटेल ने 14,244 करोड़ रुपए में 173.8 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है।
- स्पेक्ट्रम नीलामी में आइडिया ने 12,798 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम खरीदा।
- सरकार को स्पेक्ट्रम नीलामी से 32,000 करोड़ रुपए का शुरुआती भुगतान मिलने की उम्मीद है।
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