नई दिल्ली। दिल्ली की एक विशेष अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में अंतिम बहस बुधवार को पूरी कर ली है। इसमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और अन्य आरोपी हैं। इस मामले में सीबीआई ने पहला आरोप पत्र छह साल पहले दाखिल किया था।
स्पेक्ट्रम घोटालों से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही दिल्ली की विशेष अदालत के न्यायाधीश ओ पी सैनी द्वारा तीन मामलों में तीन महीने के भीतर फैसले सुनाए जाने की उम्मीद है। विशेष अदालत जिन तीन मामलों की सुनवाई कर रही है उनमें से दो सीबीआई और तीसरा प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दाखिल किया गया था।
पहले मामले में राजा व कनिमोई के साथ साथ पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के तत्कालीन निजी सचिव आर के चंदोलिया, स्वान टेलीकाम के प्रवर्तक शाहिद उस्मान बलवा व विनोद गोयनका, यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा, रिलायंस धीरूभाई अंबानी गु्रप आरएडीएजी के तीन आला अधिकारी – गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा व हरी नायर- के खिलाफ सुनवाई हो रही है।
इस मामले में अन्य आरोपियों में कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स के निदेशक आसिफ बलवा व राजीव अग्रवाल, कलाइगनर टीवी के निदेशक शरद कुमार व बालीवुड के निर्माता करीम मोरानी भी हैं। दूरसंचार कंपनी स्वान टेलीकाम प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस टेलीकाम लिमिटेड तथा यूनिटेक वायरलैस तमिलनाडु भी मामले में आरोपी हैं।
दूसरे सीबीआई मामले में एस्सार ग्रुप के प्रवर्तक रवि रूइया व अंशुमान रूइया, लूप टेलकाम की प्रवर्तक किरण खेतान व उनके पति आईपी खेतान और एस्सार ग्रुप के निदेशक विकास सर्राफा आरोपी हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने अपने मामले में अप्रैल 2014 में 19 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जिनमें राजा, कनिमोई, शाहिद बलवा, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, करीम मोरानी व शरद कुमार शामिल हैं।
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