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टाटा ग्रुप से अलग होना जरूरी, लगातार मुकदमेबाजी का पड़ेगा असर: एसपी ग्रुप

सुप्रीम कोर्ट ने मिस्त्री की फर्मों और शापूरजी पलोनजी ग्रुप को टाटा संस में अपनी हिस्सेदारी के शेयरों के खिलाफ पूंजी जुटाने, गिरवी रखने या शेयरों के संबंध में कोई और कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है।

<p>टाटा ग्रुप से अलग...- India TV Paisa Image Source : FILE टाटा ग्रुप से अलग होगा एसपी ग्रुप

नई दिल्ली। टाटा समूह के सबसे बड़े शेयरधारक एसपी ग्रुप (Shapoorji Pallonji Group) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा कि टाटा ग्रुप से अलग होना जरूरी है। एसपी ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा कि इस सतत मुकदमेबाजी से आजीविका और आर्थिक स्थिति पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव के कारण टाटा समूह से अलग होना आवश्यक है। ग्रुप ने कहा कि वर्तमान स्थिति ने मिस्त्री परिवार को सभी हितधारकों के अतीत, वर्तमान और संभावित भविष्य के बारे में सोचने के लिए मजबूर किया है।

समूह ने एक बयान में कहा, "पिछली कार्रवाई और टाटा संस द्वारा एसपी समूह की आय को प्रभावित करने वाले कदमों से यह निष्कर्ष निकलता है कि टाटा संस में दोनों समूहों के आपसी सह-अस्तित्व को अस्वीकार्य माना जाएगा। 70 वर्षों तक एसपी-टाटा का रिश्ता आपसी विश्वास, सद्भावना और दोस्ती पर टिका रहा है। आज यह भारी मन से कहना पड़ रहा है कि मिस्त्री परिवार का मानना है कि हितों का अलग होना सभी हितधारक समूहों के लिए अच्छा कदम होगा।"

एसपी समूह ने टाटा के साथ अपनी सबसे बड़ी साझेदारी और अपनी उपयोगिता का भी उल्लेख किया। उसने एसपी समूह की ओर से 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़े अल्पसंख्यक शेयरधारक के रूप में निभाई गई भूमिका का भी जिक्र किया और कहा कि कंपनी ने हमेशा ही टाटा समूह के सर्वोत्तम हितों की रक्षा की है।

एसपी ग्रुप ने टाटा समूह के साथ हमेशा ही उसके सर्वोत्तम हित के लिए खड़े रहने की प्रतिबद्धता का भी जिक्र किया। कंपनी ने कहा कि जब वर्ष 2000 के समय टाटा ट्रस्ट, पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के तौर पर अपने वोटिंग अधिकारों का प्रयोग नहीं कर सकता था, तब एसपी ग्रुप ने टाटा समूह के सर्वोत्तम हित के तौर पर उसकी सुरक्षा के लिए कदम उठाया था।

एसपी ग्रुप ने कहा कि 2012 में जब साइरस मिस्त्री ने टाटा संस के अध्यक्ष के पद को स्वीकार किया, तो यह कदम न केवल गर्व की भावना के साथ था, बल्कि यह टाटा संस के बोर्ड में 'अंदरूनी' व्यक्तित्व के तौर पर कर्तव्य की भावना के रूप में भी था।

उल्लेखनीय है कि टाटा संस बनाम साइरस मिस्त्री के बहुचर्चित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मिस्त्री की फर्मों और शापूरजी पलोनजी ग्रुप को टाटा संस में अपनी हिस्सेदारी के शेयरों के खिलाफ पूंजी जुटाने, गिरवी रखने या शेयरों के संबंध में कोई और कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने 28 अक्टूबर तक यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। मामले में शीर्ष अदालत 28 अक्टूबर को अंतिम सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने टाटा संस द्वारा साइरस मिस्त्री की शापूरजी पलोनजी को टाटा संस में उनकी हिस्सेदारी की सुरक्षा के खिलाफ पूंजी जुटाने से रोकने के लिए दाखिल याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की।

दरअसल एसपी समूह विभिन्न कोषों से 11,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। उसने कनाडा के एक चर्चित निवेशक से टाटा संस में अपनी 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी में से एक हिस्से के लिए पहले चरण में 3,750 करोड़ रुपये का करार किया है। कनाडा के निवेशक के साथ एसपी समूह द्वारा पक्का करार किए जाने के एक दिन बाद टाटा संस ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

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