इस साल सोयाबीन उत्पादन 31 प्रतिशत ज्यादा होने का अनुमान, बेहतर मानसून से मिलेगा फायदा
बेहतर मॉनसून की वजह से बेहतर उपज होने की उम्मीद
नई दिल्ली। इस साल देश में मानसून सीजन खरीफ फसलों के अनुकूल रहा है जिस वजह से देश में खरीफ फसलों का रकबा बढ़ा है और उपज अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है। खरीफ सीजन के दौरान सबसे ज्यादा पैदा होने वाले तिलहन सोयाबीन की उपज में इस साल 31 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी का अनुमान है। सोयाबीन उद्योग के संगठन SOPA की तरफ से यह अनुमान जारी किया गया है।
SOPA के मुताबिक इस साल देश में कुल 122.47 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हो सकता है जबकि पिछले साल 93.06 लाख टन का उत्पादन हुआ था। SOPA ने इस साल सभी प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्यों में फसल पिछले साल के मुकाबले अधिक होने का अनुमान जारी किया है।
SOPA के मुताबिक सोयाबीन के सबसे बड़े उत्पादक मध्य प्रदेश में इस साल 58.53 लाख टन, दूसरे बड़े उत्पादक महाराष्ट्र में इस साल 45.13 लाख टन और तीसरे बड़े उत्पादक राजस्थान में इस साल 10.57 लाख टन सोयाबीन की फसल होने का अनुमान है। बाकी फसल देश के अन्य राज्यों में होगी।
इस साल देश में मौसम फसल के अनुकूल रहा है। अनुकूल मौसम को देखते हुए किसानों ने पहले सोयाबीन की खेती बढ़ाई और अब प्रति हेक्टेयर उपज भी पिछले साल के मुकाबले अधिक होने की उम्मीद जताई जा रही है। यही वजह है कि इस साल सोयाबीन की उपज अधिक होने का अनुमान है।
देश में अगर तिलहन की उपज बढ़ती है तो खाने के तेल की जरूरत को पूरा करने के लिए कम मात्रा में तेल आयात करना पड़ेगा। देश को अपनी खाने के तेल की जरूरत पूरा करने के लिए 60-65 प्रतिशत खाने का तेल विदेश से आयात करना पड़ता है और देश में सिर्फ 35-40 प्रतिशत ही उत्पादन होता है। ऐसे में अगर घरेलू स्तर पर सोयाबीन और अन्य तिलहन का उत्पादन बढ़ेगा को देश में ही जरूरत के लिए खाने का तेल पैदा हो सकेगा।