फ्लिपकार्ट की हिस्सेदारी बेचने को लेकर असमंजस में सॉफ्ट बैंक, भारी टैक्स बना वजह
सॉफ्टबैंक फिलहाल यह हिसाब लगाने में व्यस्त है कि फ्लिपकार्ट में निवेश करने के एक साल के भीतर उसे बेचने पर कितने टैक्स की देनदारी बनेगी।
नई दिल्ली। फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट के बीच हुए देश के सबसे बड़े ईकॉमर्स सौदे के दो दिन के भीतर ही प्रमुख हिस्सेदार सॉफ्टबैंक के कदम डगमगाते दिख रहे हैं। फ्लिपकार्ट में सॉफ्टबैंक विजन फंड का 22% शेयर है। लेकिन अभी सॉफ्ट बैंक असमंजस में है कि वह अपना स्टेक बेचे या नहीं। सॉफ्टबैंक के मासायोशी सन अभी तक इस बारे में कोई भी फैसला नहीं कर पाए हैं। सॉफ्टबैंक फिलहाल यह हिसाब लगाने में व्यस्त है कि फ्लिपकार्ट में निवेश करने के एक साल के भीतर उसे बेचने पर कितने टैक्स की देनदारी बनेगी। आपको बता दें कि भारत में कोई शेयर खरीदने के 24 महीने के अंदर बेचने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लागू होता है।
अंग्रेजी अखबार इकोनोमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक सन को यह भी लग रहा है कि निकट भविष्य में फ्लिपकार्ट के वैल्यूएशन में तेज उछाल आ सकता है। बुधवार को हुए सौदे में फ्लिपकार्ट की वैल्यू 22 अरब डॉलर लगाई गई थी। अमेरिका के बेंटनविल की रिटेल कंपनी वॉलमार्ट ने बुधवार को फ्लिपकार्ट में 77% हिस्सेदारी 16 अरब डॉलर में खरीदने का ऐलान किया था। माना जा रहा है कि इतनी रकम का ऐलान डील में सॉफ्टबैंक के स्टेक सेल को भी शामिल मानकर किया गया था।
लेकिन अब खबर आई है कि सॉफ्ट बैंक अपने शेयर बेचने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं ले पाया है और फिलहाल अपने विकल्प तलाश रहा है। अखबार को प्राप्त जानकारी के अनुसार फिलहाल सॉफ्टबैंक ने फ्लिपकार्ट से एग्जिट नहीं किया है। वह इस पर अगले 10 दिनों में फैसला कर सकता है। सन भारत पर बड़ा दांव लगा रहे हैं और उनके हिसाब से फ्लिपकार्ट की वैल्यू में और बढ़ोतरी होगी।
बुधवार को जापान में कंपनी के रिजल्ट के ऐलान के दौरान सन के मुंह से डील की बात अचानक निकल गई जबकि वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट की तरफ से इसकी घोषणा उस समय तक भारत में नहीं हुई थी। सॉफ्टबैंक विजन फंड ने अगस्त 2017 में फ्लिपकार्ट में लगभग ढाई अरब डॉलर का निवेश किया था। अब अगर कंपनी इस इन्वेस्टमेंट से निकलने का फैसला करती है तो उसे 4 अरब डॉलर की रकम मिल सकती है। फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट के प्रवक्ताओं से इस खबर पर प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई।