नई दिल्ली। जापान का सॉफ्टबैंक समूह भारत के दूरसंचार क्षेत्र में तेजी से बढ़ती कंपनी रिलायंस जियो में दो से तीन अरब डॉलर का निवेश करने पर विचार कर रहा है। माना जा रहा है कि अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी रिलायंस जियो में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने के इच्छुक हैं। यह खबर ऐसे समय आई है जब सऊदी अरब की अरामको के रिलायंस इंडस्ट्रीज के रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कारोबार में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की रिपोर्ट आ रही हैं। यह सौदा 10 से 15 अरब डॉलर का होने की उम्मीद है।
जेपी मॉर्गन ने अपनी एक शोध रिपोर्ट में कि सॉफ्टबैंक को लंबे समय से जियो में एक संभावित निवेशक के तौर पर देखा जा रहा है। पिछले दो साल में हमने कई निवेशकों से बातचीत की जिसमें सॉफ्टबैंक के जियो में निवेश करने की संभावनाओं को उजागर किया गया है। ऐसे में यह खबर चौंकाने वाली नहीं है।
हालांकि, अब यह देखना है कि सॉफ्टबैंक जियो में वास्तव में कितना पैसा निवेश करता है और क्या इसमें ई-वाणिज्य कारोबार को भी शामिल किया जाएगा? खबर है कि सॉफ्टबैंक का विजन फंड वर्तमान में जियो इंफोकॉम में हिस्सेदारी खरीदने को लेकर जांच-परख कर रहा है। कंपनी ने सितंबर 2016 में अपनी सेवा शुरू की थी और मात्र दो साल के भीतर ही वह भारत की तीसरी सबसे बड़ी दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनी बन गई।
हालांकि, इस खबर पर रिलायंस और सॉफ्टबैंक दोनों के ही प्रवक्ताओं ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। जेपी मॉर्गन ने रिलायंस जियो की वैल्यू 50 अरब डॉलर आंकी है। एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च की एक अलग रिपोर्ट के मुताबिक आरआईएल पर तीसरी तिमाही में 42.7 अरब डॉलर का कर्ज था, जो 2018-19 की चौथी तिमाही में घटकर 33.2 अरब डॉलर पर आ गया है।
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