टोक्यो। ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनी और इन्वेस्टमेंट बैंक सॉफ्टबैंक ग्रुप के प्रेजिडेंट और सीओओ निकेश अरोड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अरोड़ा ने अपने इस्तीफे की खबर माइक्रो ब्लोगिंग साइट ट्विटर के जरिये दी। अरोड़ा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मासा अगले 5-10 साल तक सीईओ बने रहेंगे, मैं उनका सम्मान करता हूं। मैंने बहुत सीखा। जांच के बाद बोर्ड ने मुझे क्लीन चिट दी। अब आगे बढ़ने का समय है।
आलोक सामा कंपनी के सीएफओ बने रहेंगे। उन्होंने पिछले साल ही सॉफ्टबैंक को ज्वाइन किया था। अरोड़ा ने अपना इस्तीफा बोर्ड द्वारा क्लीन चिट मिलने के एक दिन बाद ही दिया है। अमेरिका की एक कानूनी कंपनी ने अरोड़ा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने वित्तीय गड़बडि़यां की हैं। सॉफ्टबैंक की प्रवक्ता के मुताबिक मासायोशी सन अभी लंबे समय तक सीईओ बने रहना चाहते हैं और वह यह नहीं चाहते थे कि अरोड़ा लंबे समय तक सीईओ-इन-वेटिंग बने रहें।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि अरोड़ा भी दोबारा रिप्रजेंटेटिव डायरेक्टर नहीं बनना चाहते थे और उन्होंने याहू जापान के चेयरमैन पद से भी इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा उन्होंने यूएस स्थित टेलीकॉम कंपनी स्प्रिंट, जिसे सॉफ्टबैंक ने खरीदा है, के डायरेक्ट पद से इस्तीफा दे दिया है। सॉफ्टबैंक ने कहा है कि अरोड़ा के जाने के बाद रोन फिशर आलोक सामा के साथ मिलकर बिजनेस के इन्वेस्टमेंट कारोबार को देखेंगे। कंपनी ने यह भी कहा कि कमेटी की रिपोर्ट और अरोड़ा के इस्तीफे में कोई संबंध नहीं है। उल्लेखनीय है कि सॉफ्टबैंक ने भारत में बड़े पैमाने पर निवेश किया हुआ है। अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान निकेश ने विभिन्न स्टार्टअप्स में करीब चार बिलियन डॉलर का निवेश है। सॉफ्टबैंक ने स्नैपडील में 62.7 करोड़ डॉलर का निवेश किया है, जबकि ओला कैब्स में 21 करोड़ डॉलर का निवेश है। वहीं इनमोबी में 20 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। इसके अलावा सॉफ्टबैंक ने हाउसिंग डॉट कॉम, ओयो रूम्स और ग्रोफर्स में भी निवेश किया हुआ है। साथ ही सॉफ्टबैंक के साथ भारती एयरटेल का ज्वाइंट वेंचर भी है।
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