नई दिल्ली। देश की टॉप थ्री ई-कॉमर्स कंपनियों में से एक Snapdeal इस समय भारी दबाव में है। ऑनलाइन बाजार की प्रतिस्पर्धा में मजबूती से खड़े रहने के लिए स्नैपडील अब कॉस्ट कटिंग पर ध्यान दे रही है। कंपनी नए निवेशकों की कमी से भी जूझ रही है।
स्नैपडील ने अगले 2 महीने में अपने 30 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की योजना बनाई है। इससे सीधे तौर पर 1,000 लोग प्रभावित होंगे।
कंपनी में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों के मुताबिक स्नैपडील लॉजिस्टिक सब्सिडियरी वल्कन एक्सप्रेस के साथ काम करने वाले 5,000 ठेका कर्मचारियों में से 3,000 लोगों को नौकरी से निकाल सकती है।
- इस हफ्ते कंपनी ने मैनेजरों से कंपनी को ‘राइट साइज’ बनाने के लिए कहा है।
- कंपनी ने बताया कि वह अपने संसाधनों के सही प्रयोग का प्रयास कर रही है।
- हालांकि कंपनी ने कर्मचारियों की छंटनी किए जाने के सवाल का कोई जवाब नहीं दिया है।
कंपनी के एक प्रतिनिधि ने कहा कि,
हम कंपनी का लाभ बनाए रखते हुए अपने बिजनेस को प्रभावी तरीके से चलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि हमारे विक्रेताओं और ग्राहकों को लाभ मिल सके।
- जेस्पर इंफोटेक में ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस स्नैपडील, पेमेंट प्लेटफॉर्म फ्रीचार्ज और लॉजिस्टिक व सप्लाई चेन वल्कन एक्सप्रेस को मिलाकर कुल 10,000 कर्मचारी काम करते हैं।
- स्नैपडील का स्टाफ पर होने वाला खर्च वित्त वर्ष 2016 में 911 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 148 प्रतिशत अधिक है।
- हालांकि 2015-2016 में कंपनी की कुल बिक्री में 56 प्रतिशत का इजाफा हुआ था, लेकिन कंपनी का घाटा इससे लगभग दोगुना 2,960 करोड़ा का था।
- इस कारण कंपनी को पहले भी स्टाफ की छंटनी करनी पड़ी थी।
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