नई दिल्ली। ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील भारत की दूसरे सबसे ज्यादा वैल्यूएशन वाली कंपनी बन गई है। कंपनी ने फ्रेश फंडिंग राउंड में 20 करोड़ डॉलर की (1367.6 करोड़ रुपए) नई पूंजी जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व कनाडा के ओनटैरियो टीचर्स पेंशन प्लान ने किया था। इससे सात माह पहले कंपनी ने 50 करोड़ डॉलर की राशि जुटाई थी। इस फ्रेश राउंड के बाद स्नैपडील का कुल वैल्यूएशन 6.5 अरब डॉलर हो गया है। अगस्त में कंपनी की वैल्यू 4.8 अरब डॉलर थी। फ्लिपकार्ट के बाद स्नैपडील दूसरे सबसे वैल्यूएबल ई-कॉमर्स कंपनी बन गई है। फ्लिपकार्ट की वैल्यू 15 अरब डॉलर है।
इस बार स्नैपडील में निवेश करने वाले प्रमुख इन्वेस्टर्स ओनटैरियो टीचर्स पेंशन प्लान, जो कि दुनिया के सबसे बड़े पेंशन फंड्स में से एक है, सिंगापुर की कंपनी ब्रदर फॉर्च्यून अपैरल और वेंचर कैपिटल फर्म आयरन पिलर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक स्नैपडील इस पूंजी का इस्तेमाल अपने टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म, लॉजिस्टिक्स, पेमेंट्स और बैक-एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए करेगी। पांच साल पुरानी इस कंपनी के पास 275,000 से अधिक सेलर्स हैं और 3 करोड़ से ज्यादा प्रोडक्ट्स हैं। यह देश के 6,000 से ज्यादा शहरों में अपनी सेवाएं दे रही है।
फंडिंग का यह फ्रेश राउंड ऐसे समय में हुआ है, जब सरकार ई-कॉमर्स रिटेलिंग के मार्केटप्लेस मॉडल में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी देने पर विचार कर रही है। इस मॉडल पर ही फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी कंपनियां अभी काम कर रही हैं। एक ई-कॉमर्स कंपनी या तो मार्केटप्लेस मॉडल या इनवेंट्री बेस्ड मॉडल पर ही अपना कारोबार भारत में कर सकती हैं। मार्केटप्लेस मॉउल में, ई-कॉमर्स कंपनी बायर्स और सेलर्स को एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती हैं। इसके विपरीत इनवेंट्री मॉडल में, कंपनी का स्वयं का एक वेयरहाउस होता है और उसे वहां स्टॉक रखना होता है।
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