नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को लघु बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों में कटौती की घोषणा कर दी है। इस घोषणा के मुताबिक एक, दो, तीन साल की टर्म डिपॉजिट (मियादी जमा), किसान विकास पत्र और पांच साल की रिक्रूरिंग डिपॉजिट (आवर्ती जमा) स्कीम पर मौजूदा ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती की गई है। हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि लोक भविष्य निधि (पीपीएफ), पांच साल के राष्ट्रीय बचत पत्र और मासिक आय योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि लघु बचतों पर आगामी एक अप्रैल से ब्याज दरों को तिमाही आधार पर तय किया जाएगा, ताकि इन्हें सरकारी प्रतिभूतियों की बाजार दर से जोड़ा जा सके।
हालांकि, बालिकाओं से जुड़ी योजना (सुकन्या समृद्धि योजना) और वरिष्ठ नागरिकों से जुड़ी योजनाओं पर ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इससे पहले आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने पिछले हफ्ते ही कहा था कि सरकार ने इस बारे में फैसला कर लिया है और अगले एक-दो दिनों में इसकी घोषणा की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा था कि लघु बचत पर अब सालाना के बजाये तिमाही आधार पर ब्याज दरों को समायोजित किया जाएगा।
सरकार ने ये कदम इसलिए उठाया है ताकि लघु बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज को बाजार दर के अनुरूप किया जा सके। वर्तमान में पब्लिक प्रोवीडेंट फंड, नेशनल सेविंग सर्टीफिकेट और पोस्ट ऑफिस डिपोजिट पर 9.3 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है, जो सबसे ज्यादा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले ही इस बात की घोषणा कर चुके थे कि सरकार लघु बचत पर मिलने वाले ब्याज की दरों को संशोधित करेगी। रिजर्व बैंक और अन्य बैंकों ने सरकार से लघु बचत पर ब्याज दरों को संशोधित करने की मांग की थी।
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