नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दुनियाभर में कोविड-19 महामारी से मुकाबले के लिए एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचा बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि टीके के कच्चे माल के लिए आपूर्ति श्रृंखला को खुला रखने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने रविवार को जी30 अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग सेमिनार में वर्चुअल तरीके से भाग लेते हुए यह बात कही। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।
वित्त मंत्री सीतारमण ने जलवायु और महामारी से सुरक्षा के लिए वित्त और प्रौद्योगिकी समाधान के समान तरीके से वितरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्रित तरीके से वित्त जुटाने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने कोविड-19 महामारी से लड़ाई में एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचे की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि हरित पहल को आगे बढ़ाने के लिए नए वित्तीय उत्पाद लाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि नयी चुनौतियों से प्रभावी तरीके से मुकाबला करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को मजबूत करने की जरूरत है। वित्त मंत्रालय ने सीतारमण के हवाले कहा कि टीके के कच्चे माल के लिए आपूर्ति श्रृंखला को खुला रखने की जरूरत है। बाद में वित्त मंत्री ने न्यूजर्सी में भारतीय मूल की महिला उद्यमियों को संबोधित किया। महिला उद्यमियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत तेजी से आर्थिक रिकवरी की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया के लिए काफी अवसर हैं। सीतारमण वाशिंगटन डीसी की अपनी यात्रा के बाद शुक्रवार की देर रात यहां पहुंचीं थीं। वाशिंगटन डीसी में उन्होंने विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की वार्षिक बैठकों में भाग लिया। उनकी एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा की शुरुआत बोस्टन से हुई थी, जहां उन्होंने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ बैठक की और निवेशकों के साथ गोलमेज में भाग लिया। भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीका उत्पादक है। अप्रैल से भारत ने अपनी आबादी के टीकाकरण के लिए टीकों का निर्यात रोक दिया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने पिछले महीने कहा था कि भारत टीकों की वैश्विक आपूर्ति फिर शुरू करेगा।
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