नई दिल्ली। काले धन पर गठित विशेष जांच दल (SIT) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से कहा है कि वह देश से बाहर जाने वाले गैरकानूनी कोष पर नजर रखने के लिए प्रवर्तन एजेंसियों के साथ आंकड़ा साझा करे। न्यायमूर्ति एम बी शाह (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली एसआईटी ने 11 अगस्त को रिजर्व बैंक गवर्नर को लिखे एक पत्र में विभिन्न सरकारी विभागों के बीच आंकड़ों और सूचनाओं को प्रभावी तरीके से साझा करने के लिए एक संस्थागत प्रणाली स्थापित करने पर जोर दिया था।
वित्त मंत्रालय के एक ट्वीट में आज कहा गया है कि एसआईटी अध्यक्ष ने आरबीआई से प्रवर्तन विभागों के साथ आंकड़े साझा करने के लिए संस्थागत प्रणाली तैयार करने को कहा है। मंत्रालय ने बैंकिंग नियामक आरबीआई से कहा है कि वह देश से बाहर गैरकानूनी तौर पर जाने वाले वित्तीय प्रवाह पर नजर रखने के लिए संस्थागत प्रणाली विकसित करे।
सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी का गठन अर्थव्यवस्था में कालेधन पर नियंत्रण के तरीके सुझाने के लिए किया था। एसआईटी का मानना है कि ये आंकड़े, डाटा भंडार के तौर पर सिर्फ केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो (सीईआईबी) जैसी एक या अन्य एजेंसियां ही साझा कर सकती हैं। एसआईटी ने कहा, उक्त डाटा भंडार से विभिन्न एजेंसियां जल्द उचित कार्रवाई के लिए संबद्ध सूचना एकत्रित कर सकती हैं। दल ने कहा कि एक एजेंसी के पास आंकड़े उपलब्ध होंगे, जिससे अन्य कानून अनुपालन एजेंसियां कार्रवाई के लिए संबद्ध सूचनाएं एकत्रित कर सकती हैं।
फिलहाल, आरबीआई के पास विभिन्न खंडों में हर तरह के विदेशी मुद्रा हस्तांतरण के संबंध में सूचनाएं होती हैं। वित्त मंत्रालय ने आज जारी एक बयान में कहा, एसआईटी का मानना है कि देश से बाहर जाने वाले गैरकानूनी वित्तीय प्रवाह पर नियंत्रण और नजर रखने के लिए प्रवर्तन निदेशालय, राजस्व आसूचना निदेशालय और सीबीडीटी जैसी विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा आरबीआई के आंकड़ों का उपयोग महत्वपूर्ण है।
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