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जीएसटी में शराब, तंबाकू पर लगेगा सिन टैक्‍स, 20 नवंबर को होगी वित्‍त मंत्रियों की बैठक

जीएसटी में शराब और तंबाकू जैसे नुकसानदेह उत्‍पाद बनाने वाले उद्योगों को सिन टैक्‍स देना होगा। वित्‍त मंत्रालय ने इसका प्रावधान किया है।

जीएसटी में शराब, तंबाकू पर लगेगा सिन टैक्‍स, 20 नवंबर को होगी वित्‍त मंत्रियों की बैठक- India TV Paisa जीएसटी में शराब, तंबाकू पर लगेगा सिन टैक्‍स, 20 नवंबर को होगी वित्‍त मंत्रियों की बैठक

नई दिल्‍ली। देश में एक अप्रैल 2016 से प्रस्‍तावित जीएसटी में शराब और तंबाकू जैसे नुकसानदेह उत्‍पाद बनाने वाले उद्योगों को सिन टैक्‍स (अनिष्‍ट कर) देना होगा। वित्‍त मंत्रालय ने इन उद्योगों पर अतिरिक्‍त टैक्‍स लगाने का प्रावधान किया है। जीएसटी के आने से पूरे देश में एक समान अप्रत्‍यक्ष कर व्‍यवस्‍था होगी। इसे देश में अब तक का सबसे बड़ा टैक्‍स सुधार माना जा रहा है। जीएसटी संबंधी आदर्श कानून और एकीकृत जीएसटी विधेयक पर चर्चा करने के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों की बैठक 20 नवंबर को बुलाई गई है।

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अल्कोहल और तंबाकू जैसे उद्योगों के लिए अतिरिक्त टैक्‍स लगाने के प्रावधान को रखा गया है। हालांकि अधिकारी ने यह नहीं बताया कि प्रस्तावित व्यवस्था में किस दर से इन पर टैक्‍स लगेगा।

क्‍या है सिन टैक्‍स

सनि टैक्‍स एक एक्‍साइज टैक्‍स है, जो मुख्य रूप से उन वस्तुओं पर लगाया जाता है, जो समाज के नजरिये से हानिकारक या स्वास्थ्य के हिसाब से नुकसानदायक मानी जाती हैं। इनमें शराब और सिगरेट जैसे उत्पाद आते हैं।

लोगों को हतोत्‍साहित करना है मकसद

सिन टैक्‍स की व्यवस्था वैश्विक स्तर पर प्रचलित है, जिसमें शराब और तंबाकू उत्पादों पर अत्यधिक टैक्‍स लगाया जाता है। अतिरिक्त टैक्‍स लगाने का मकसद लोगों को ऐसे उत्पादों या सेवाओं के उपयोग को लेकर हतोत्साहित करना है। इसके अलावा, इन उत्पादों पर अधिक दर से टैक्‍स लगाना राजस्व बढ़ाने का एक सामान्य तरीका है, क्योंकि आमतौर पर लोग इस प्रकार के शुल्क का विरोध नहीं करते। इसका कारण इसका प्रभाव केवल उन लोगों पर होता है, जो इसका उपयोग करते हैं।

लोगों से ली जा रही है राय

वित्त मंत्रालय फिलहाल उद्योग एवं अन्य संबद्ध पक्षों से जीएसटी कानून के बारे में सुझाव ले रहा है। अधिकारी ने कहा कि अगर हमें कुछ कमियां लगीं और कुछ चिंता के क्षेत्र नजर आए तो हम निश्चित रूप से उस पर गौर करेंगे। अभी कुछ भी अंतिम नहीं है और सभी प्रस्ताव मसौदे के रूप में हैं। अधिकारी ने कहा, हम टिप्पणी और सुझाव का इंतजार कर रहे हैं और उद्योग से मिले सुझाव को देखेंगे। कानून तैयार करने से पहले उन सुझावों के आधार पर जरूरी बदलाव के बाद परिषद के समक्ष अंतिम रिपोर्ट रखी जाएगी।

20 नवंबर को होगी बैठक

जीएसटी संबंधी आदर्श कानून और एकीकृत जीएसटी या आईजीएसटी विधेयक पर चर्चा करने के लिए राज्‍यों के वित्त मंत्रियों की बैठक 20 नवंबर को होगी। केंद्र ने इससे पहले इस महीने राज्यों को सीजीएसटी, एसजीएसटी और आईजीएसटी का मसौदा टिप्पणी के लिए भेजा था।  केंद्रीय जीएसटी का प्रारूप आदर्श जीएसटी कानून पर आधारित होगा। साथ ही राज्य जीएसटी विधेयक के मसौदे के आधार पर राज्यवार छूटों को शामिल कर अपना एसजीएसटी तैयार करेंगे।  इसके अलावा आईजीएसटी विधेयक वस्तुओं एवं सेवाओं अंतर-राज्यीय आवाजाही से जुड़ा होगा। राज्यों द्वारा विधेयकों के मसौदों पर विचार करने के बाद इसे व्यापार और उद्योग से टिप्पणी मांगने के लिए सार्वजनिक किया जाएगा।

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