वाशिंगटन। इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) कंपनियों को अच्छे और पर्याप्त संख्या में प्रोफेशनल्स हायर करने में दिक्कत हो रही है। इसको देखते हुए अमेरिका की एक टॉप कंपनी के सीईओ ने एच-1बी वीजा प्लान के एक्सपेंशन की मांग की है। वेरिटास के प्रमुख बिल कोलमैन ने कहा, पूरी सिलिकॉन वैली का मानना है कि एच-1बी वीजा नीति का बड़े पैमाने पर विस्तार होना चाहिए। उन्होंने कहा, हम पर्याप्त संख्या में अच्छे लोगों को हायर नहीं कर पा रहे। वे यहां उपलब्ध ही नहीं हैं। इसकी वजह से प्रोफेशनल्स पर अधिक खर्च करना पड़ रहा है।
अपनी कुछ यूनिट भारत शिफ्ट कर सकती है वेरिटास
कोलमैन, सिलिकॉन वैली लीडरशिप ग्रुप के पूर्व चेयरमैन हैं और वह सिलिकॉन वैली से पिछले करीब 40 साल से जुड़े हैं। इस महीने वह वेरिटास के मुख्य कार्यकारी बने हैं जो द कार्लाइल ग्रुप द्वारा खरीदे जाने के बाद नयी स्वतंत्र कंपनी बनकर उभरी है। जल्दी ही भारत यात्रा पर आ रहे कोलमैन ने कहा कि उनकी फ्लोरिडा से कुछ इकाइयां भारत स्थानांतरित करने की योजना है। वेरिटास के भारत में करीब 1,700 कर्मचारी हैं और पुणे इसका मुख्य केंद्र है। उन्होंने कहा, यह हमारी प्राथमिकता है।
एच-1बी वीजा पर 4,500 डॉलर अतिरिक्त शुल्क
एच-1बी वीजा के जरिए अमेरिकी कंपनी को देश में विदेशी प्रोफेशनल्स और एक्सपर्ट्स को नियुक्त करने में मदद मिलती है। हालांकि, आईटी कंपनियों को बड़ा झटका देते हुए अमेरिका ने एच-1बी वीजो के कुछ खंडों के लिए 4,500 डॉलर तक का अतिरिक्त शुल्क लगाया दिया है। कोलमैन ने कहा कि सिलिकॉन वैली में आईटी से जुड़े अच्छे प्रोफेशनल्स का अभाव है। उन्होंने कहा, सिलिकॉन वैली में एपल, फेसबुक या गूगल किसी की भी वेबसाइट खोलें आपको हजारों वैकेंसी मिलेंगी।
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