नई दिल्ली। मंदिरों का सोना बाहर लाने से जुड़ी मोदी सरकार की गोल्ड स्कीम रंग लाती दिख रही है। मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट ने फैसला किया है कि वह 40 किलो सोना सरकार की गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत देगी। सिद्धिविनायक देश का पहला ऐसा मंदिर है जो इतनी बड़ा स्वर्ण भंडार सरकार की स्कीम में लगाने जा रहा है। इस स्कीम के तहत सिद्धिविनायक मंदिर को तकरीबन 69 लाख का ब्याज मिलेगा।
बिस्किट में बदला जाएगा 7.5 करोड़ का सोना
मंदिर से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मंदिर गोल्ड को पिघलाने के लिए सरकारी मिंट में भेज देगा। जिसके बाद इसे सोने के बिस्कुट में तब्दील कर दिया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि श्रद्धालुओं की ओर से दिया गया सोना गहनों के रुप में चढ़ाया गया है। जिसे पिघलाने के बाद शुद्ध रूप में 30 किलो सोना ही निकलेगा। 25000 रुपए प्रति 10 ग्राम से इसकी कीमत 7.5 करोड़ रुपए है। मौजूदा योजना के नियमों के तहत मंदिर को सोने पर 2 से 2.5 फीसदी का ब्याज मिलेगा।
मंदिर के पास है 165 किलो सोना
सिद्धिविनायक मंदिर का मौजूदा गोल्ड रिजर्व 165 किलोग्राम है। इसमें से 10 किलोग्राम सोना पहले से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पास जमा कराया हुआ है। जिसपर 1 फीसदी का ब्याज मिलता है। ट्रस्ट को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 1.9 लाख रुपए सालाना ब्याज के रुप में मिलते हैं। ट्रस्ट के लिए मिले हुए दान का कुछ हिस्सा निलाम करना अनिवार्य है जिसमें सोने के गहने भी शामिल होते हैं।
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