नई दिल्ली। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने कहा कि दिल्ली सरकार की ऑड-ईवन फॉर्मूला से दिल्ली की सड़कों पर भीड़भाड़ तो कम हुई, लेकिन यह कह पाना मुश्किल है कि इससे प्रदूषण कम हुआ है या नहीं। उन्होंने कहा कि यदि भारत वास्तव में सीधे यूरो-चार एनिशन मानकों से यूरो-छह पर जाता है, तो वह ऐसा करने वाला पहला देश होगा।
इंडस्ट्री को बसों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद
सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने कहा, जहां तक ऑड-ईवन योजना के लाभ का सवाल है तो इससे सड़कों पर भीड़भाड़ कम हुई है, लेकिन जहां तक वायु प्रदूषण की बात है, तो हम इस बारे में नहीं जानते। इस योजना की एक और सकारात्मक बात यह है कि यदि सार्वजनिक परिवहन को मजबूत किया जाता है तो बसों की बिक्री बढ़ेगी।
दिल्ली में जारी रहेगा ऑड-ईवन फार्मूला: हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि ऑड-ईवन फार्मूला 15 जनवरी तक लागू रहेगी। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाने और हस्तक्षेप करने से भी इनकार कर दिया है। हाई कोर्ट के मुताबिक इस मामले में अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी। हाई कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार को निर्देश दिया गया कि वह लोगों को समस्याओं पर भी ध्यान दें।
राजनीतिक पार्टियों ने उठाए सवाल
ऑड-इवन को लागू करने के तरीके पर सवाल उठाते हुए बीजेपी ने कहा है कि ‘अगर नतीजे इतने ही अच्छे है तो ये योजना जारी क्यों नहीं रखी जा रही है। यह सरकार बिल्कुल भी भरोसे के काबिल नहीं है। वहीं, कांग्रेस ने भी दिल्ली सरकार द्वारा दिए गए प्रदूषण संबंधी आंकड़ों पर सवाल उठाया है। पूर्व ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर हारून यूसुफ कहते है कि ‘प्रदूषण दूर करने के लिए हम हर तरह के कदम का स्वागत करते हैं लेकिन ऐसा लोगों को परेशानी में डालकर नहीं किया जाना चाहिए।
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