नयी दिल्ली। बेंगलुरु की कंपनी श्रीराम प्रॉपर्टीज ने अपने 800 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास दस्तावेज जमा कराए हैं। सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने शुक्रवार को नियामक के पास दस्तावेजों का मसौदा जमा कराया। दस्तावेजों के अनुसार, कंपनी का इरादा आईपीओ के जरिये 800 करोड़ रुपये जुटाने का है। इसमें 250 करोड़ रुपये के नए इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे।
550 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) लाई जाएगी। श्रीराम प्रॉपर्टीज ने अपने चार मौजूदा निवेशकों टीपीजी कैपिटल, टाटा कैपिटल, वाल्टन स्ट्रीट कैपिटल और स्टारवुड कैपिटल की हिस्सेदारी को आंशिक रूप से कम करने का प्रस्ताव किया है। इनके पास कंपनी की 58 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बिक्री पेशकश के तहत अपना हिस्सा बेचने वाले शेयरधारकों को उनके शेयरों के अनुपात में राशि मिलेगी। बिक्री पेशकश में कंपनी को कोई राशि प्राप्त नहीं होगी।
सेबी ने 20 कंपनियों से 3.3 करोड़ रुपये लौटाने को कहा
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को विभिन्न बाजार नियमों का उल्लंघन करने को लेकर 20 कंपनियों को 3.3 करोड़ रुपये लौटाने को कहा है। सेबी के इस आदेश में कहा गया है कि यह राशि कंपनियों द्वारा संयुक्त रूप से अथवा अलग-अलग देना होगा। सेबी का यह आदेश उसके द्वारा सितंबर, 2011 से लेकर सितंबर, 2012 के बीच की गई जांच के बाद जारी किया है। सेबी ने जांच में पाया कि बीजे इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंसियल कंसल्टेंट्स, सुधीर जैन और एवरसाइट ट्रेडकॉम जिन्हें पहले प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने से रोका गया था, वह बाजार में कारोबार कर रही थी। सेबी का कहना है कि बाजार में कारोबार से रोकी गई कंपनियां धन को सीधे अन्य कारोबार कंपनियों नीलांचल मर्केटाइल, दिब्यदृष्टि मर्चेंटस और दिव्यादृष्टि ट्रेडर को भेज रही थी। कुछ मामलों ने उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर कुछ दूसरे जरियों से धन हस्तांतरण किया। इनमें स्टुपेंडर्स ट्रेडर्स प्रा.लि और फलैक्स ट्रेड प्रा.लि. शामिल हैं।
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