नई दिल्ली। पिछले साल 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने की घोषणा के एक साल पूरे होने से कुछ समय पहले सरकार ने आज बड़ा खुलासा किया है। सरकार ने बताया है कि 13 बैंकों ने नोटबंदी के बाद 5800 संदिग्ध कंपनियों के लेनदेन के बारे में जानकारी मुहैया कराई है। इस जानकारी के मुताबिक नोटबंदी के बाद इन 5,800 संदिग्ध कंपनियों के 13,140 बैंक खातों में 4,574 करोड़ रुपए जमा कराए गए। इसके बाद 4,552 करोड़ रुपए निकाले गए।
सरकार को दी गई जानकारी के मुताबिक इन फर्जी कंपनियों में कुछ के 100 से ज्यादा बैंक खाते मौजूद हैं। इन कंपनियों ने नोटबंदी के बाद खातों में करोड़ों रुपया जमा किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक कंपनी के 2134 खातों की भी जानकारी मिली है। कालेधन के खिलाफ चलाई जा रही सरकार की मुहिम में 2 लाख से ज्यादा कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए हैं। वहीं 4.5 लाख निदेशकों को अयोग्य ठहराने की भी तैयारी चल रही है। नोटबंदी से पहले इन फर्जी कंपनियों के खातों में जहां मामूली रकम जमा थी, वहीं नोटबंदी के बाद इनमें अचानक करोड़ों रुपए जमा कर दिए गए।
नोटबंदी से पहले इन सभी कंपनियों के खातों में 22 करोड़ रुपया मौजूद था, जो कि नोटबंदी के बाद 4573 करोड़ रुपए हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कंपनी सचिवों के एक कार्यक्रम में कहा था कि कालेधन के खिलाफ उनकी सरकार की लड़ाई जारी रहेगी।
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