नई दिल्ली। बाजार अवधारणा के उलट भारत में बेरोजगारी की दर अगस्त, 2016 के 9.5 प्रतिशत से घटकर फरवरी, 2017 में 4.8 प्रतिशत पर आ गई। देश के प्रमुख राज्यों में बेरोजगारी दर में सबसे ज्यादा गिरावट उत्तर प्रदेश में आई है। एसबीआई इकोफ्लैश की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त, 2016 से फरवरी, 2017 के दौरान उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की दर 17.1 प्रतिशत से घटकर 2.9 प्रतिशत रह गई। मध्य प्रदेश में यह 10 प्रतिशत से 2.7 प्रतिशत, झारखंड में 9.5 प्रतिशत से 3.1 प्रतिशत, ओडि़शा में 10.2 प्रतिशत से 2.9 प्रतिशत और बिहार में 13 से 3.7 प्रतिशत पर आ गई।
भारतीय स्टेट बैंक समूह की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्या कांति घोष की अगुवाई वाली अनुसंधान टीम द्वारा तैयार रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा मानना है कि बेरोजगारी दर में यह गिरावट प्राथमिक तौर पर सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की वजह से है।
मनरेगा से मिला लोगों को रोजगार
- रिपोर्ट में कहा गया है कि परिवारों को मनरेगा के तहत मांग और आवंटन में हुई वृद्धि भी इस रिपोर्ट में परिलक्षित होती है।
- अक्टूबर, 2016 में जहां 83 लाख परिवारों को कार्य मांग, आवंटन किया गया वहीं फरवरी, 2017 में बढ़कर 167 लाख परिवारों पर पहुंच गई।
- इसी प्रकार मनरेगा के तहत वर्ष 2015-16 में जहां 36 लाख कार्य पूरे किए गए वहीं 2016-17 में यह संख्या 40 प्रतिशत बढ़कर 50.5 लाख पर पहुंच गई।
- इस दौरान आंगनवाड़ी, सूखा से निपटने, ग्रामीण पेयजल और जल संरक्षण सहित विभिन्न कार्यों में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई।
- वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में मनरेगा के लिये 48,000 करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया गया है।
- वर्ष 2017-18 के तहत पांच लाख और कृषि सिंचाई तालाबों को बनाने का काम किया जाएगा, जबकि वर्ष 2016-17 में ऐसे दस लाख तालाब बनाए जाने की उम्मीद है।
- अकेले इसी कार्य से ग्राम पंचायतों में सूखा से निपटने की व्यवस्था की जा सकेगी।
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