Short term share trades: वित्त मंत्रालय ने शेयर की खरीद बिक्री करने वाले कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। केंद्र के स्पष्टीकरण के अनुसार शेयर ट्रेडर्स को अब अपना टैक्स रिटर्न फाइल करते समय प्रत्येक शेयर से हुए लाभ के लिए अलग-अलग विवरण देने की जरूरत नहीं। इसबात को लेकर शेयर ट्रेडर्स के बीच काफी असमंजस था। इसे देखते हुए वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक स्पष्टीकरण जारी किया। वित्त मंत्रालय के अनुसार एक साल से कम अवधि में शेयरों से हुआ लाभ (शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन) बिजनेस लाभ के तहत आता है और इसके लिए हर शेयर के विवरण देने की जरूरत नहीं है।
शेयर ट्रेडर्स या दैनिक ट्रेडर्स के मामले में शेयरों की खरीद-बिक्री से होने वाले फायदे को आमतौर पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ या व्यावसायिक आय के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, क्योंकि अधिकांश मामलों में शेयरों की होल्डिंग अवधि एक साल से कम होती है, जो दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के रूप में वर्गीकृत की एक शर्त है। वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘‘शेयर लेनदेन से होने वाली अल्पकालिक या व्यावसायिक आय के मामले में आयकर रिटर्न में प्रत्येक शेयर का ब्यौरा देना जरूरी नहीं है।’’ यह स्पष्टीकरण उन रिपोर्टों के बीच आया है कि शेयर ट्रेडर्स या दैनिक ट्रेडर्स को वित्त वर्ष 2020-21 के अपने आयकर रिटर्न में शेयरों का ब्यौरा देना होगा।
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि अगर शेयर को एक साल से ज्यादा समय तक नहीं रखा जाता है और अगर यह लांग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) के दायरे में नहीं आता है, तो शेयर ट्रेडिंग से हुआ लाभ साधारण कारोबारी इनकम की श्रेणी में आता है। फाइनेंस एक्ट 2018 में एक प्रावधान जोड़ कर कुछ लाभ को ग्रैंडफादर किया गया है। लेकिन वह असेसमेंट वर्ष 2020-21 में हुए किसी भी लाभ पर लागू नहीं होता है।
Image Source : finance MinistryShare Traders no need to give details of short term purchase or sale of listed shares
Latest Business News