बैंकों के कुल वितरित कर्ज में उद्योगों की हिस्सेदारी मार्च में गिरकर 31.5% पर आयी
व्यक्तिगत कर्ज की हिस्सेदारी बढ़कर 40 फीसदी के पार पहुंची
नई दिल्ली। बैंकों के द्वारा बांटे गए कुल कर्ज में इंडस्ट्री की हिस्सेदारी में गिरावट देखने को मिली है। रिजर्व बैंक के द्वारा जारी किए आंकड़ों के मुताबिक मार्च के महीने में कुल बांटे गये कर्ज में औद्योगिक कर्ज की हिस्सेदारी गिरावट के साथ 31.5 प्रतिशत के स्तर पर आ गई। एक साल पहले मार्च के दौरान यह हिस्सेदारी 33.1 प्रतिशत के स्तर पर थी। बैंकों की कर्ज बढ़ोतरी की दर में सालाना आधार पर गिरावट देखने को मिली है और मार्च 2020 में ये दर 6.3 प्रतिशत रही। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति बेहतर रही और ग्रामीण क्षेत्रों की बैंक शाखाओं ने कर्ज बढ़ोतरी में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की।
मार्च 2020 के लिये सभी सूचीबद्ध वाणिज्यिक बैंकों के द्वारा बांटे गये ऋण को लेकर रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, ‘‘मार्च 2010 में कुल बैंक ऋण में औद्योगिक ऋण की हिस्सेदारी घटकर 31.5 प्रतिशत रह गयी, जो एक साल पहले 33.1 प्रतिशत थी। मार्च 2020 में इसमें सालाना आधार पर मामूली 0.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई।’’ रिजर्व बैंक के ये आंकड़े देश भर की 1,24,984 बैंक शाखाओं से प्राप्त जानकारियों पर आधारित हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि कुल ऋण वृद्धि को व्यक्तिगत ऋण की ठोस वृद्धि से सहारा मिला है। मार्च 2020 में कुल कर्ज में व्यक्तिगत श्रेणी की हिस्सेदारी बढ़कर 40.1 प्रतिशत पर पहुंच गयी। यह हिस्सेदारी साल भर पहले 37.4 प्रतिशत और पांच साल पहले 30.8 प्रतिशत थी। आंकड़ों में कहा गया कि व्यक्तिगत ऋण खंड में महिला कर्जदारों की संख्या में लगातार वृद्धि जारी है।