मुंबई। शेयर बाजार आज लगातार दूसरे दिन दबाव में रहे और बबंई शेयर बाजार का सेंसेक्स 310 अंक लुढ़ककर 28,000 के नीचे पहुंच गया। सेंसेक्स में 24 जून के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट है। एनएसई निफ्टी भी 102.95 अंक टूटा। निवेशक ने मुख्य रूप से तेल एवं गैस, वाहन तथा स्वास्थ्य इकाइयों के शेयरों में मुनाफावसूली की।
कारोबारियों ने कहा कि एशिया के अन्य बाजारों में कमजोर रूख तथा यूरोपीय शेयर बाजारों में हल्की शुरूआत से भी घरेलू धारणा कमजोर हुई। अमेरिकी सरकार के आंकड़ों में उत्पादकता में गिरावट की खबर के बाद डालर के जापानी येन के मुकाबले कमजोर होने से वैश्विक स्तर पर नरमी रही।
इसके अलावा एशियाई कारोबार में वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट रही। अमेरिका में कच्चे तेल के भंडार में वृद्धि को देखते हुए अधिक आपूर्ति की चिंता में कीमत में नरमी आयी। इसका भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा। ब्रेंट कच्चे तेल का भाव 1.16 प्रतिशत घटकर 44.46 डालर प्रति बैरल रहा।
बंबई शेयर बाजार का तीस शेयरों वाला सेंसेक्स मजबूत होकर 28,133.36 पर खुला और निवेशकों की चुनिंदा लिवाली से एक समय 28,143.28 अंक तक चला गया। हालांकि, बाद में इसमें गिरावट आयी और 28,000 अंक के नीचे 27,736.62 अंक तक चला गया। अंत में 310.28 अंक या 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 27,774.88 अंक पर बंद हुआ। यह चार अगस्त के बाद सेंसेक्स का न्यूनतम स्तर है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी दबाव में रहा और 102.95 अंक या 1.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8,575.30 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 26 नुकसान में रहे। मौद्रिक नीति में रिजर्व बैंक द्वारा प्रमुख नीतिगत दर में बदलाव नहीं किये जाने से सेंसेक्स में कल 97.41 अंक की गिरावट दर्ज की गयी थी।
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