शापूरजी पलोनजी ग्रुप ने बताई वह वजह, जिसके कारण लिया गया टाटा संस के साथ 70 साल पुराना नाता तोड़ने का फैसला
साइरस मिस्त्री को टाटा संस से अक्टूबर 2016 में बर्खास्त किए जाने के बाद से एसपी समूह और टाटा के बीच कानूनी जंग जारी है।
नई दिल्ली। टाटा संस में 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़े अल्पांश हिस्सेदार शापूरजी पलोनजी ग्रुप ने टाटा संस के साथ अपना 70 साल पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है। एसपी ग्रुप ने मंगलवार को कहा कि अब टाटा संस से अलग होने का समय आ गया है। टाटा संस समूचे टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है।
अलग होने की यह है वजह
शापूरजी पलोनजी ग्रुप ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उसने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा है कि निरंतर कानूनी विवाद से आजीविका और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ने की आशंका को देखते हुए टाटा समूह से अलग होना जरूरी हो गया है। अनुसार यह महत्वपूर्ण है कि मामले में निष्पक्ष और समानता के आधार पर जल्दी समाधान पर पहुंचा जाए, जिसमें पूरी संपत्ति का मूल्य प्रतिबिंबित हो।
कानूनी जंग है जड़
साइरस मिस्त्री को टाटा संस से अक्टूबर 2016 में बर्खास्त किए जाने के बाद से एसपी समूह और टाटा के बीच कानूनी जंग जारी है। बयान के अनुसार टाटा संस ने कोविड महामारी से उत्पन्न वैश्विक संकट के बीच, एसपी समूह को नुकसान पहुंचाने के लिए पूरे प्रयास किए हैं। मिस्त्री परिवार अपनी व्यक्तिगत संपत्ति के एवज में कोष जुटाने में लगा था। यह कदम 60,000 कर्मचारियों और 1,00,000 से अधिक प्रवासी कामगारों की आजीविका के लिए उठाया गया था। बयान के अनुसार टाटा संस का कोष जुटाने के कदम को बाधित करना उसके बदला लेने वाली मन:स्थिति को प्रकट करता है।
टाटा संस ले रही है बदला
एस पी समूह ने कहा कि मौजूदा स्थिति और टाटा संस की बदले की कार्रवाई को देखते हुए दोनों समूह का एक साथ बने रहना व्यवहारिक नहीं रह गया है। टाटा संस प्रवक्ता से जब इस बारे में संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
एसपी ग्रुप कर रहा है अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश
एसपी ग्रुप ने विभिन्न कोषों से 11,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई है। उसने कनाडा के एक चर्चित निवेशक से टाटा संस में अपनी 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी में से एक हिस्से की बिक्री के लिए पहले चरण में 3,750 करोड़ रुपए का करार किया है। कनाडा के निवेशक के साथ एसपी समूह द्वारा पक्का करार किए जाने के एक दिन बाद टाटा संस ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
सुप्रीम कोर्ट ने बिक्री पर लगाई रोक
टाटा ग्रुप की याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मिस्त्री की फर्मों और शापूरजी पलोनजी ग्रुप को टाटा संस में अपनी हिस्सेदारी के खिलाफ पूंजी जुटाने, गिरवी रखने या शेयरों के संबंध में कोई और कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने 28 अक्टूबर तक यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। मामले में शीर्ष अदालत 28 अक्टूबर को अंतिम सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने टाटा संस द्वारा साइरस मिस्त्री की शापूरजी पलोनजी को टाटा संस में उनकी हिस्सेदारी की सुरक्षा के खिलाफ पूंजी जुटाने से रोकने के लिए दाखिल याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की।