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Hindi News पैसा बिज़नेस तेजस के पहले सफर के दौरान ही हेडफोन्‍स पर यात्रियों ने किए हाथ साफ, कई LED स्क्रीन्स पर भी लगे स्‍क्रैच

तेजस के पहले सफर के दौरान ही हेडफोन्‍स पर यात्रियों ने किए हाथ साफ, कई LED स्क्रीन्स पर भी लगे स्‍क्रैच

तेजस एक्‍सप्रेस की पहली सफर के दौरान ही कई यात्री ट्रेन में लगे हेडफोन्‍स अपने साथ लेकर चलते बने। इसे लेकर रेलवे अधिकारी उलझन में हैं।

तेजस के पहले सफर के दौरान ही हेडफोन्‍स पर यात्रियों ने किए हाथ साफ, कई LED स्क्रीन्स पर भी लगे स्‍क्रैच- India TV Paisa तेजस के पहले सफर के दौरान ही हेडफोन्‍स पर यात्रियों ने किए हाथ साफ, कई LED स्क्रीन्स पर भी लगे स्‍क्रैच

नई दिल्‍ली। मुंबई से गोवा के बीच सुपर लग्‍जरी तेजस एक्‍सप्रेस की शुरुआत कर एक तरफ जहां रेल मंत्री सुरेश प्रभु काफी खुश हैं वहीं, रेलवे अधिकारी उलझन में हैं। दरअसल, पहली सफर के दौरान ही कई यात्री ट्रेन में लगे हेडफोन्‍स अपने साथ लेकर चलते बने। मुंबई मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, हेडफोन की इस चोरी का खुलासा तब हुआ जब बुधवार को तेजस एक्‍सप्रेस गोवा से मुंबई के लिए लौट रही थी। कई यात्रियों ने शिकायत की कि उन्हें LED स्क्रीन पर कार्यक्रम का आनंद उठाने के लिए हेडफोन ही नहीं मिले। आप जानते ही होंगे कि प्रीमियम ट्रेन तेजस के शुरू होने से पहले ही इसके शीशों को नुकसान पहुंचाने की बात सामने आ चुकी है।

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तस्‍वीरों में देखिए तेजस ट्रेन

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तेजस एक्‍सप्रेस में हैं विमान जैसी सुविधाएं

तेजस एक्‍सप्रेस में विमान जैसी सुविधाएं उपलब्‍ध कराई गई हैं। इसमें दी जाने वाली वर्ल्ड क्लास सुविधाओं जैसे-सीट्स से लगी एलईडी स्क्रीन्स, वाईफाई, सीसीटीवी कैमरे, चाय और कॉफी की मशीनें आदि लगी हुई हैं । 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम यह ट्रेन मुंबई से गोवा के बीच की 552 किमी की दूरी 9 घंटे में पूरी करती है। 992 सीट वाली इस ट्रेन का सबसे सस्ता टिकट 1185 रुपए है। यह भाड़ा चेयरकार का है, जिसमें खाने की सहूलियत नहीं मिलती। वहीं, सबसे महंगा टिकट 2740 रुपए का है।

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एक दर्जन हेडफोन्‍स हुए गायब

मुंबई मिरर ने अपनी रिपोर्ट में रेलवे के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से कहा है सोमवार के सफर के बाद कम से कम एक दर्जन हेडफोन नहीं मिले। अधिकारी के अनुसार, कि बहुत सारी एलईडी स्क्रीन्स पर स्क्रैच नजर आए। अधिकारी ने बताया कि यात्रा की शुरुआत में ही हेडफोन बांटे गए थे। उन्हें वापस करने का ऐलान नहीं किया गया था क्योंकि हमें उम्मीद थी कि यात्री इसे नहीं ले जाएंगे। ठीक उसी तरह से जैसे वे अपने साथ तकिया या कंबल नहीं ले जाते। जब एक हेडफोन की कीमत के बारे में पूछा गया तो अफसर ने बताया कि वे ज्यादा महंगे नहीं थे।

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