नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भूमि, श्रम और बिजली जैसे क्षेत्र में बुनियादी सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए जीएसटी काउंसिल जैसे निकाय के गठन करने का सुझाव सरकार को दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस निकाय की मदद से राष्ट्रीय आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने में सहायता मिलेगी। आरबीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि एक स्वतंत्र नियामक के तहत राज्य सरकारों और केंद्र सरकारों के बड़े बंदरगाहों का निजीकरण एवं रेलवे, भूमि, बिजली, कोयला और इस्पात क्षेत्र की परिसंपत्तियों को बाजार में चढ़ा कर लक्षित सार्वजनिक निवेश के लिए वित्त पोषण हासिल किया जा सकेगा। इससे देश में निजी निवेश को गति प्रदान करने का रास्ता भी तैयार होगा।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि भूमि, श्रम और बिजली क्षेत्रों में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद जैसा शीर्ष निकाय बनाने से ढांचागत सुधार तेज होगा। इससे देशभर में राष्ट्रीय पाइपलाइन, उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम सड़क गलियारे और तेज गति वाले रेल गलियारे जैसी राष्ट्रीय महत्व की आधारभूत परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी, जो स्वर्णिम चर्तुभुज की सफलता की इबारत लिखेंगी। इसी के साथ यह निवेश को लेकर माहौल और कारोबारी धारणा को बढ़ाने वाला कदम होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिजली क्षेत्र में, वह अवसर आ रहा है जिससे भारत सोलर पैनल के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन देकर रिन्यूएबल एनर्जी में वैश्विक नेता बन सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टैरिफ स्ट्रक्चर और डीबीटी के जरिये सब्सिडी का भुगतान कर सेक्टर को मजबूत बनाया जा सकता है। रिपोर्ट में बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण पर भी जोर दिया गया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में पिछले पांच सालों के दौरान सड़क, नागरिक उड्डयन और एयरपोर्ट कनेक्टिविटी, टेलीकम्युनिकेशन (इंटरनेट और ब्रॉडबैंड पहुंच सहित) और पोर्ट्स में आधुनिक भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास उल्लेखनीय रहा है।
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