नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने कहा है कि आयकर विभाग को टाटा ट्रस्ट द्वारा कथित तौर पर आयकर कानून के प्रावधानों के उल्लंघन की नये सिरे से जांच के लिए एक विशेषज्ञ समूह गठित करना चाहिए। समिति ने परमार्थ न्यास और संस्थानों को दी गई कर छूट पर तैयार अपनी रिपोर्ट में यह बात कही। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति ने यह भी सुझाव दिया कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) को सार्वजनिक परमार्थ न्यास के नियमों के उल्लंघन पर रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए और खामियों को दूर करने के लिये सिफारिशें देनी चाहिए।
संसद में आज पेश अपनी रिपोर्ट में समिति ने कहा कि सार्वजनिक परामार्थ न्यासों को वाणिज्यक तरीके से चलाया जा रहा है। इनमें मुनाफे का व्यावसाय किया जा रहा है और ये बार बार आयकर कानून के प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति इस बात से परेशान है कि टाटा ट्रस्ट अपनी ज्यादातर आय लाभांश प्राप्ति से होने का दावा करता रहा है और यह आय इस अनिवार्यता से मुक्त है कि ट्रस्ट को अपनी 85 प्रतिशत आय परमार्थ कार्यों में लगानी चाहिए।
ऐसे ट्रस्टों द्वारा निषेध वाले क्षेत्रों में किए गए निवेश का मूल्य हजारों करोड़ रुपए में है। समिति यह देखकर हैरान है कि इस मामले में ट्रस्टी अथवा आयकर विभाग ने कोई कारवाई नहीं की।
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