नई दिल्ली। देश में मई महीने के दौरान सेवा क्षेत्र की गतिविधियों की वृद्धि दर सबसे अधिक रही है। एक मासिक सर्वे के अनुसार, कंपनियों को अधिक ऑर्डर्स मिलने की वजह से उन्हें अधिक लोगों को नौकरी पर रखना पड़ा है। मासिक आधार पर सेवा क्षेत्र के उत्पादन की निगरानी करने वाला निक्केई इंडिया का सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मई में बढ़कर 52.2 पर पहुंच गया। अप्रैल में यह 50.2 पर था। लगातार चौथे महीने सेवा PMI महत्वपूर्ण 50.0 के स्तर से उपर रहा है जो वृद्धि का सूचक है। निक्केई इंडिया कंपोजिट PMI आउटपुट इंडेक्स भी मई महीने में 7 माह के शीर्ष स्तर 52.5 पर पहुंच गया जो अप्रैल में 51.3 था।
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IHS मार्किट की अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका पोलिएन्ना डे लीमा ने कहा कि,
पहली तिमाही के मध्य में सेवा क्षेत्र की वृद्धि में बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि जून भी यदि यही रफ्तार कायम रहती है तो सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर बढ़ सकती है। सेवाप्रदाओं को अधिक कार्य की वजह से मई में अतिरिक्त कर्मचारियों की सेवाएं लेनी पड़ीं। हालांकि, रोजगार वृद्धि की रफ्तार मामूली बढ़ी, लेकिन यह चार साल में सबसे अधिक रही।
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निक्केई इंडिया की यह रिपोर्ट RBI की द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा से ठीक पहले आई है। RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक 6 और 7 जून को होने वाली है। 6 अप्रैल को हुई मौद्रिक नीति समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा था लेकिन रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी से बढ़ा कर 6 फीसदी कर दिया था।
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