नई दिल्ली। भारत का सर्विस सेक्टर, नए कारोबारी ऑर्डर में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी के मद्देनजर दिसंबर में 10 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया लेकिन मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में नरमी के बीच अर्थव्यवस्था की स्थिति नाजुक बनी रही। यह बात एक सर्वेक्षण में कही गई है। नए ऑर्डर के मद्देनजर निक्केइ कारोबारी गतिविधि सूचकांक दिसंबर में 53.6 के 10 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो नवंबर में 50.1 पर था। दिसंबर में निजी क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि आम तौर पर सेवा क्षेत्र से प्रेरित रही क्योंकि अक्टूबर 2013 से पहली बार मैन्युफैक्चरिंग उत्पादन घटा है।
सर्वेक्षण तैयार करने वाली संस्था मार्किट की अर्थशास्त्री, पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि भारत के निजी क्षेत्र की वृद्धि 2015 के अंत में फिर से वृद्धि के दायरे में वापस आ गई। इस बीच मैन्युफैक्चरिंग एवं सर्विस सेक्टर का आकलन करने वाली मौसमी तौर पर समायोजित निक्केइ भारत मिश्रित पीएमआई उत्पाद सूचकांक दिसंबर मं 51.6 पर रहा, जो नवंबर में 50.2 पर था। इधर मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का उत्पादन दिसंबर में 28 महीने के न्यूनतम स्तर पर आ गया और यह दो साल से अधिक समय में पहली बार हुआ संकुचन था। ऐसा नए ऑर्डर में भारी गिरावट और चेन्नई में भारी बारिश से उत्पादन को होने वाले नुकसान के मद्देनजर हुआ।
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