नई दिल्ली। भारत की आर्थिक ग्रोथ में फरवरी के दौरान नरमी आई और सर्विस सेक्टर की गतिविधि नए आर्डर में कमी के कारण तीन महीने के न्यूनतम स्तर पर रही। निक्केई इंडिया ने उम्मीद जताई गई कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में कटौती करेगा। निक्केई सर्विस कारोबार गतिविधि इंडेक्स फरवरी में तीन महीने के न्यूनतम स्तर 51.4 पर रहा जो जनवरी में 54.3 पर था। ऐसा मूल्य बढ़ने के कारण मांग घटने के मद्देनजर हुआ है।
सर्वे में कहा गया कि सर्विस कंपनियों के नए आर्डर में फरवरी में बढ़ोतरी बरकरार रही लेकिन विस्तार की दर पिछले नवंबर से अब तक सबसे कम रही। कंपनियों को समीक्षाधीन महीने के दौरान नए आर्डर के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ी। इस बीच मौसमी तौर पर समायोजित होने वाले निक्केई इंडिया मिश्रित पीएमआई उत्पादन सूचकांक जिसमें विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्र आते हैं, फरवरी में घटकर 51.2 पर आ गया जो जनवरी में 11 महीने के उच्चतम स्तर 53.3 पर पहुंच गया।
इस सर्वेक्षण का आकलन करने वाली संस्था, मार्किट की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में स्पष्ट नरमी के बीच भारत की आर्थिक वृद्धि फरवरी माह में कम रही। देश में मांग की स्थिति में नरमी नजर आती है जिसका संकेत नए आर्डर में नरमी से लगता है। आरबीआई की नीतिगत पहल के बारे में लीमा ने कहा कि मूल्य में गिरावट का दबाव और वैश्विक आर्थिक चुनौतियां नीतिगत में कटौती के लिए गुंजाइश पैदा कर सकती है।
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