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Hindi News पैसा बिज़नेस जून में ली गई सर्विस का जुलाई में आया बिल तो देना होगा GST, उपभोक्‍ता की जेब पर पड़ेगा असर

जून में ली गई सर्विस का जुलाई में आया बिल तो देना होगा GST, उपभोक्‍ता की जेब पर पड़ेगा असर

उपभोक्‍ताओं को जून में उपभोग की गई क्रेडिट कार्ड, टेलीफोन या अन्‍य सर्विस के बिल भुगतान पर GST देना होगा। यदि जुलाई में इन सेवाओं का इन्‍वॉइस बनाया जाता है।

जून में ली गई सर्विस का जुलाई में आया बिल तो देना होगा GST, उपभोक्‍ता की जेब पर पड़ेगा असर- India TV Paisa जून में ली गई सर्विस का जुलाई में आया बिल तो देना होगा GST, उपभोक्‍ता की जेब पर पड़ेगा असर

नई दिल्‍ली। उपभोक्‍ताओं को जून में ली गई क्रेडिट कार्ड, टेलीफोन या अन्‍य सर्विस के लिए जुलाई में किए जाने वाले बिल भुगतान पर जीएसटी (GST) देना होगा। यदि जुलाई में इन सेवाओं का इन्‍वॉइस बनाया जाता है या भुगतान किया जाता है तो जीएसटी लागू होगा। देश में एक जुलाई से जीएसटी लागू हो गया है और अधिकांश सेवाएं 18 प्रतिशत टैक्‍स स्‍लैब में रखी गई हैं, जिन पर पहले 15 प्रतिशत की दर से सर्विस टैक्‍स लगता था।

जीएसटी के आने के बाद सर्विस टैक्‍स, एक्‍साइज, वैट और एक दर्जन से अधिक स्‍थानीय टैक्‍स समाप्‍त हो गए हैं। सभी वस्‍तुओं और सेवाओं को जीएसटी में चार टैक्‍स स्‍लैब 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत में विभाजित किया गया है। हालांकि, एक सरकारी अधिकारी ने यह स्‍पष्‍ट किया है कि जीएसटी केवल उन बिल पर ही लागू होगा, जो एक जुलाई या इसके बाद जनरेटेड हुए हैं, भले ही सेवाओं का उपभोग इससे पहले ही क्‍यों न किया गया हो।

मान लीजिए आपका बिलिंग साइकिल 25 जून को समाप्‍त होता है और इन्‍वॉइस 10 जुलाई को बनता है तथा आपने एडवांस में कोई भुगतान नहीं किया है, ऐसे में जब आप इन्‍वॉइस जारी करते हैं तो इस पर जीएसटी लागू होता है क्‍योंकि कानून के मुताबिक सेवा उपलब्‍ध कराने की तारीख ही इन्‍वॉइस जारी करने की तारीख है।

मौजूदा नियमों के मुताबिक, सर्विस टैक्‍स इन्‍वॉइस को जारी करने की तारीख या भुगतान करने की तारीख, जो पहले हो, पर लागू होता है। सेवाएं उपलब्‍ध कराने के 30 दिन के भीतर इन्‍वॉइस जारी किया जाना चाहिए। ऐसे मामले में जहां उपभोक्‍ता ने बिल का भुगतान एडवांस में कर दिया है, तब नियम कहते हैं कि भुगतान के दिन के हिसाब से टैक्‍स लगेगा। वस्‍तुओं के लिए कानून कहता है कि इन्‍वॉइस जारी होने के दिन को ही वस्‍तु की बिक्री का दिन माना जाएगा और उसी दिन के हिसाब से टैक्‍स वसूला जाएगा।

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