सरकार द्वारा देश को कैशलैस इकोनॉमी बनाने के लिए यह कदम नोटबंदी के बाद उठाया था। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक भारतीय रेल की टिकटिंग एजेंसी आईआरसीटीसी को इस सर्विस चार्ज की माफी के चलते एक साल में 500 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में रेलवे ने वित्त मंत्रालय को इस नुकसान की भरपाई के लिए चिट्ठी लिखी है। आईआरसीटीसी इस सर्विस चार्ज की आधी राशि रेलवे के साथ बांटती है।
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