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Hindi News पैसा बिज़नेस सेंसेक्स 287 अंक और चढ़ा, तीन महीने में सबसे बेहतर साप्ताहिक प्रदर्शन

सेंसेक्स 287 अंक और चढ़ा, तीन महीने में सबसे बेहतर साप्ताहिक प्रदर्शन

विदेशी निवेश प्रवाह जारी रहने के बीच लिवाली समर्थन से शेयर बाजारों में तेजी आज भी जारी रही, जहां सेंसेक्स लगभग 287 अंक चढ़कर बंद हुआ।

सेंसेक्‍स ने किया तीन महीने में सबसे बेहतर साप्‍ताहिक प्रदर्शन, 287 अंकों की आई और तेजी- India TV Paisa सेंसेक्‍स ने किया तीन महीने में सबसे बेहतर साप्‍ताहिक प्रदर्शन, 287 अंकों की आई और तेजी

मुंबई। विदेशी निवेश प्रवाह जारी रहने के बीच लिवाली समर्थन से शेयर बाजारों में तेजी आज भी जारी रही, जहां सेंसेक्स लगभग 287 अंक चढ़कर बंद हुआ। कारोबारियों का कहना है कि निवेशकों ने जून की नई व्युत्पन्न श्रृंखला में नए लंबे सौदे किए। यूरोप में तेज शुरुआत तथा एशिया में मजबूती के रुख ने भी बाजार को प्रभावित किया।

सुबह सेंसेक्स मजबूत खुला और 286.92 अंक की तेजी दर्शाता हुआ 26,653.60 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले 30 अक्‍टूबर 2015 को सेंसेक्स 26,656.83 अंक पर बंद हुआ था। सेंसेक्स बीते तीन सत्रों में 1136.32 अंक मजबूत हुआ है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 87 अंक चढ़कर 8,156.65 अंक पर बंद हुआ। सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 1351.70 अंक या 5.34 फीसदी चढ़ा, जबकि एनएसई के निफ्टी में 406.95 अंक की तेजी दर्ज की गई। दोनों ही सूचकांकों के लिए यह चार मार्च के बाद का उच्चतम स्तर है।

रिफाइनरी, हेल्थकेयर व रियल्‍टी शेयर चमक में रहे। लिवाली समर्थन के चलते पेट्रोलियम कंपनी बीपीसीएल, एचपीसीएल, आईओसी व आरआईएल के शेयर लाभ में बंद हुए। सूचकांक आधारित 30 शेयरों में से 23 लाभ में बंद हुए। एसबीआई में सर्वाधिक 6.42 फीसदी, सन फार्मा में 5.83 फीसदी, अडानी में 3.65 फीसदी, आरआईएल में 2.75 फीसदी, बजाज ऑटो में 2.45 फीसदी तथा एचडीएफसी के शेयर में 2.43 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी बढ़ोतरी देखी गई। मिडकैप 155.76 अंकों की तेजी के साथ 11,347.03 पर और स्मॉलकैप 62.85 अंकों की तेजी के साथ 11,110.96 पर बंद हुआ। बीएसई के 19 में से 17 सेक्टरों में तेजी रही। तेल और गैस (2.66 फीसदी), ऊर्जा (2.44 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (2.42 फीसदी), रियल्टी (1.51 फीसदी) और वित्त (1.37 फीसदी) सेक्टरों में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई के दो सेक्टरों दूरसंचार (0.04 फीसदी) और तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.01 फीसदी) में गिरावट रही।

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