बेहतर मानसून की उम्मीद में शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स 121 अंक हुआ मजबूत
प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 121.59 अंकों की तेजी के साथ 26,524.55 पर और निफ्टी 33.15 अंकों की तेजी के साथ 8,127.85 पर बंद हुआ।
मुंबई। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ छोड़ने के निर्णय से बाजार पर व्यापक प्रभाव की आशंकाओं के बावजूद देश के शेयर बाजारों में तेजी देखी गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 121 अंकों की तेजी के साथ 26,524 पर और निफ्टी 33 अंकों की तेजी के साथ 8,127 पर बंद हुआ। एशिया के अन्य प्रमुख बाजारों में मजबूती के रुख का घरेलू बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
स्थानीय बाजार में निवेशक अभी बड़े पैमाने पर लिवाली के मूड में नहीं दिखे क्योंकि गुरुवार को डेरीवेटिव्स खंड में मासिक अनुबंधों का निपटान होने वाला है। दोपहर बाद यूरोपीय बाजारों में अच्छी शुरुआत और ब्रेक्जिट के बाद पहली बार पाउंड स्टर्लिंग में मजबूती की खबरों तथा डॉलर के मुकाबले रुपए में तेजी और जिंसों के मूल्य में स्थिरता के संकेत से धारणा मजबूत रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 7.7 अंकों की तेजी के साथ 26,410.66 पर खुला और 121.59 अंकों या 0.46 फीसदी तेजी के साथ 26,524.55 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 26,583.33 के ऊपरी और 26,378.46 के निचले स्तर को छुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी सुबह 1.35 अंकों की तेजी के साथ 8,096.05 पर खुला और 33.15 अंकों या 0.41 फीसदी तेजी के साथ 8,127.85 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 8,146.35 के ऊपरी और 8,086.85 के निचले स्तर को छुआ।
कारोबारियों के अनुसार मानसून की अच्छी प्रगति की रिपोर्ट से एचयूएल तथा आईटीसी जैसी उपभोक्ता सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में तेजी रही। हिंदुस्तान यूनीलिवर 3.15 फीसदी, जबकि आईटीसी 2.59 फीसदी मजबूत हुए। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी देखी गई। मिडकैप 55.16 अंकों की तेजी के साथ 11,459.21 पर और स्मॉलकैप 90.40 अंकों की तेजी के साथ 11,540.15 पर बंद हुआ। बीएसई के 19 में से 16 सेक्टरों में तेजी रही। दूरसंचार (2.26 फीसदी), तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (1.75 फीसदी), धातु (1.01 फीसदी), तेल और गैस (0.84 फीसदी) और उपभोक्ता विवेकाधीन वस्तु एवं सेवाएं (0.73 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई के तीन सेक्टरों सूचना प्रौद्योगिकी (0.89 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.46 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.08 फीसदी) में गिरावट देखी गई।