मुंबई: छह सत्रों से गिरावट के बाद बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में आज 31 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। प्रमुख कंपनियों के शेयरों में लिवाली से सूचकांक में तेजी आई लेकिन कंपनियों के कमजोर वित्तीय परिणाम को लेकर चिंता से धारणा प्रभावित है। बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर सितंबर में चार महीने के उच्च स्तर 3.2 प्रतिशत रहने से निवेशकों की धारणा मजबूत हुई। सितंबर में बुनियादी उद्योगों की सितंबर में वृद्धि मई के बाद सर्वाधिक है। उस समय यह 4.4 प्रतिशत थी।
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मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने कल कहा कि आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7.5 प्रतिशत रहेगी और आने वाले वर्ष में इसमें मामूली सुधार होगा। इससे भी धारणा को बल मिला। साथ ही मूडीज ने देश के बैंकिंग प्रणाली के अपने कर्ज परिदृश्य को बढ़ाकर नकारात्मक से स्थिर कर दिया।
तीस शेयरों वाला सेंसेक्स मजबूती के साथ 26,660.71 अंक पर खुला और प्रमुख कंपनियों के शेयरों में लिवाली से एक समय 26,732.24 के उच्च स्तर पर पहुंच गया। लेकिन बाद में मुनाफावसूली से यह थोड़ी देर के लिए नकारात्मक दायरे में आ गया लेकिन अंत में यह 31.44 अंक या 0.12 प्रतिशत बढ़कर 26,590.59 अंक पर बंद हुआ। पिछले छह कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 911.66 अंक नीचे आया था। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 9.90 अंक या 0.12 प्रतिशत मजबूत होकर 8,060.70 अंक पर बंद हुआ।
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ब्रोकरों के अनुसार निवेशकों ने हाल में नीचे आए प्रमुख कंपनियों के शेयरों में लिवाली की। बुनियादी ढांचा समेत आर्थिक आंकड़ों से धारणा मजबूत हुई। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 14 लाभ में रहे। लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में एनटीपीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, ओएनजीसी तथा हिंडाल्को शामिल हैं। उपभोक्ता टिकाउ, पूंजीगत वस्तु तथा रीयल्टी क्षेत्र के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।
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